100 करोड़ की बीमा ठगी में ईडी ने शुरू की जांच
Sambhal News - बीमा पॉलिसियों के नाम पर हत्या करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गिरोह अपने रिश्तेदारों के नाम पर पॉलिसी बनाकर उन्हें मारता था और फिर बीमा क्लेम हड़पता था। ईडी और पुलिस की संयुक्त जांच में 15...

बीमा पॉलिसियों के नाम पर खून बहाने वाले गिरोह की कहानी अब सिर्फ पुलिस की फाइलों तक सीमित नहीं रह गई है। करोड़ों के बीमा क्लेम ठगने वाले इस नेटवर्क की गूंज अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है। देश की शीर्ष आर्थिक जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस संगीन मामले में जांच शुरू कर दी है, और यह वो मोड़ है जहाँ से इस गिरोह की सांसें अब लंबी नहीं बची हैं। ये मामला जितना खौफनाक है, उतना ही सुनियोजित भी। अपने ही रिश्तेदारों और परिचितों के नाम पर बीमा पॉलिसी करवाना, फिर उनकी हत्या कर देना और सब कुछ एक दुर्घटना जैसा दिखाना।
पिछले दस दिनों में ऐसे चार मामलों का खुलासा हुआ, जिसमें किसी की साजिश के तहत हत्या हुई तो किसी को सड़क पर धक्का देकर मारा गया, बस इसलिए कि बीमा क्लेम के करोड़ों रुपये मिल सकें। पुलिस के पास जब ये बातें आईं, तब भी किसी को अंदाजा नहीं था कि ये सिरा 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी और हत्या की साजिशों तक पहुंचेगा। जांच जब गहराई में गई तो सामने आया कि ये गिरोह न केवल मौत का सौदा करता था, बल्कि उसके बाद आने वाले हर रुपये को भी बड़े हिसाब-किताब से ठिकाने लगाता था। अब यही वजह है कि पुलिस ने ईडी को पत्राचार कर इस घोटाले के आर्थिक पहलुओं की पड़ताल की सिफारिश की थी। ईडी ने अब औपचारिक रूप से इस मामले में अपनी जांच शुरू कर दी है। ईडी की एंट्री से मची खलबली ईडी की एंट्री से जनपद में खलबली मच गई है। इससे दो बातें साफ हो गई हैं- पहला, अब ये केवल हत्या या धोखाधड़ी का मामला नहीं रहा और दूसरा, जिन-जिन हाथों ने इस खून के पैसों को छुआ, अब उनकी हर एक संपत्ति, लेन-देन, बैंक खाता और निवेश की परतें खोली जाएंगी। पुलिस और ईडी की संयुक्त जांच से अब गिरोह के वास्तविक सरगना और पैसे की पूरी श्रृंखला सामने आ सकती है। अब तक गिरोह के जिस मास्टरमाइंड ओंकारेश्वर मिश्र का नाम बार-बार सामने आ रहा है, वह केवल एक चेहरा है। असल में इसके पीछे कौन-कौन से चेहरे हैं, कितनी बड़ी राजनीतिक या आर्थिक साठगांठ है, ये ईडी की जांच में साफ हो सकता है। खुलासा -- दो मई संभल। बदायूं जिले में ढिलवारी गांव निवासी दिव्यांग दरियाब सिंह की बीते वर्ष 31 जुलाई आटा गांव के पास हत्या कर हादसे का रूप दिया था। दरियाब के भाई राजेंद्र को मुकदमा में वादी बनाया था। पुलिस जांच में दरियाब के नाम पर पांच बीमा पॉलिसियां निकलीं। इनकी राशि 50.68 लाख थी। पुलिस ने पॉलिसी से जुड़े गारंटर और एडवाइजर की पड़ताल शुरू की। जांच में दिव्यांग दरियाब की मौत एक हादसा नहीं बल्कि गई सोची-समझी हत्या निकली। पुलिस ने मास्टरमाइंड बैंक पॉलिसी एडवाइजर पंकज राघव निवासी रायपुर कला, ढिलवारी निवासी हरिओम उर्फ हरिहर सिंह, विनोद कुमार व तारापुर निवासी प्रताप को गिरफ्तार किया और हत्या में प्रयुक्त हुई कार, हथौड़ा व दस्तावेज बरामद किया। खुलासा -- नौ मई संभल। बदायूं जिले में इस्लामनगर थानांतर्गत बमनपुरी निवासी नवीन ने अपने लकवाग्रस्त भाई के नाम पर 95 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी कराई थीं। इस्लामनर निवासी वकील अखिलेश और डाककर्मी राजू ने पूरी प्लानिंग बताई थी। बीते वर्ष 20 जून को इलाज कराने के बहाने ई-रिक्शा में बैठाकर इस्लामनगर-बहजोई मार्ग पर धक्का देकर सड़क पर फेंक दिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मृतक के भाई नवीन, वकील अखिलेश को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। खुलासा -- 11 मई संभल। धनारी स्टेशन निवासी वेदप्रकाश और कमलसिंह ने अपने मौसेरे भांजे दक्षिणी दिल्ली निवासी अमन के नाम पर 2 करोड़ 70 लाख रुपये की सात बीमा पॉलिसियां कराई थीं और 15 नवंबर 2023 को अमरोहा जिले में रहरा क्षेत्र में ले जाकर हत्या कर दी थी। वहीं धनारी निवासी सलीम जोकि रंगशाला पर काम करता था, उसके नाम पर भी पांच पॉलिसियां कराई थीं, और उसकी भी जुलाई 2022 में रहरा क्षेत्र में हत्या कर 78 लाख रुपये क्लेम की राशि हड़प ली थी। 15 मुकदमों में 40 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी पूछताछ के दौरान बीमा क्लेम हड़पने का मामला सामने आया था। इसके बाद जांच आगे बढ़ी तो तार से तार जुड़ते जा रहे हैं। बताया कि 15 एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज हो चुकी हैं। 40 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और तीन आरोपियों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। अभी जांच जारी है। बताया कि यह गिरोह अलग अलग बीमा पॉलिसी में गबन कर रहा था। छानबीन में सामने आया है कि इस गिरोह के तार 12 राज्यों तक फैले हैं। एएसपी अनुकृति शर्मा इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रही हैं। उन्होंने टीम के साथ इस गिरोह के कई राजफाश किए हैं। पांच मामलों में पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। फर्जी बीमा क्लेम में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का गबन के मामले आ चुके हैं। ऐसा अभी तक अनुमान है। ईडी भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है। ईडी जांच के साथ अब यह मामला केवल कानूनी नहीं, आर्थिक अपराध के स्तर पर सख्त कार्रवाई की ओर बढ़ रहा है। पुलिस मुख्यालय से केस संबंधी सूचना मांगी गई है। जिसे संकलित कर मुख्यालय भेजा जाएगा। -कृष्ण कुमार विश्नोई, एसपी, संभल
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