India Bans Single-Use Plastic Including Polyethylene to Combat Environmental Pollution तीन साल में भी सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन पर रोक नहीं, Sambhal Hindi News - Hindustan
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तीन साल में भी सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन पर रोक नहीं

Sambhal News - केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया है, जिसमें पॉलीथिन भी शामिल है। हालांकि, प्रशासन इसे लागू करने में विफल रहा है और लोग अभी भी इसका उपयोग कर रहे हैं। पॉलिथीन का...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलMon, 19 May 2025 05:07 AM
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तीन साल में भी सिंगल यूज प्लास्टिक व पॉलीथिन पर रोक नहीं

केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2022 को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें पॉलीथिन भी शामिल है। यह प्रतिबंध पॉलीथिन के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर लागू है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाए हुए करीब तीन वर्ष हो गए हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन जिले को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त नहीं कर पाया है। लोग धड़ल्ले से पॉलीथिन का बेहिचक इस्तेमाल कर रहे हैं। जिला ही नहीं बल्कि पूरे देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित है। साथ ही पॉलिथीन को भी प्रतिबंधित किया गया है। इसको लेकर पूर्व में नगर पालिका की ओर से अभियान भी चलाया गया था, लेकिन अब अभियान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।

एसडीएम के नेतृत्व में पालिका की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान बहजोई पालिका प्रशासन ने करीब तीन कुंतल पॉलीथिन जब्त की थी। वहीं संभल पालिका की कार्रवाई में बड़ी मात्रा में पॉलीथिन समेत थ्रमोकॉल की प्लेटें आदि बरामद की गई थी। इसके बाद से शायद ही कोई बड़ी कार्रवाई अधिकारियों की ओर से की गई है। पॉलिथिन पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है, जिसके चलते इसे प्रतिबंधित किया गया था। बाजार पर नजर डालें तो रेहड़ी, ठेले, खोमचों से लेकर बड़े-बड़े प्रतिष्ठान पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग करते मिल जाएंगे। कब-कब लगा प्रतिबंध देश में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध की शुरुआत 2012 में हुई थी। जब 50 माइक्रोन से पतली पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगाया गया था। बाद में 1 जुलाई 2022 से, सरकार ने 19 एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। वर्ष 2012 में 50 माइक्रोन से पतली पॉलीथीन पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो बाद में बढ़कर 75 माइक्रोन हो गया। 2016 में कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश में पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाया गया था। वर्ष 2018 से उत्तर प्रदेश में 15 जुलाई से 50 माइक्रोन तक की पतली पॉलीथिन प्रतिबंधित की गई थी। वर्ष 2021 में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम, 2021 के तहत एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाते हुए अधिसूचना जारी की गई थी। इस कारण लगाया गया प्रतिबंध -पर्यावरण प्रदूषण:::::::पॉलीथिन का अपघटन बहुत धीमा होता है, जिससे यह भूमि और जल स्रोतों को प्रदूषित करता है। -पशुओं की जान की दुश्मन:::::::कई जानवर पॉलीथिन को खाकर बीमार हो रहे हैं या मर रहे हैं। -मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक:::::::पॉलीथिन जलाने से निकलने वाली गैसें लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक हैं।

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