फोटो... सादातबाड़ी में दो दिनों में 38 डेंगू आशंकित मिले, साढ़े तीन सौ बुखार से बीमार
- तीन महिलाओं की मौत के बाद एक्शन मोड में स्वास्थ्य विभाग, टीमें घर-घर कर रही सर्वे
डेंगू व वॉयरल बुखार की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में आ गया है। ब्लॉक बहजोई के गांव सादातबाड़ी में बुखार से पीड़ित तीन महिलाओं की मौत के बाद अब स्वास्थ्य विभाग की दस टीमें गांव में घर-घर घूमकर सर्वे कर रही हैं। इसके अलावा गांव में विशेष स्वास्थ्य शिविर लगाकर बुखार से पीड़ित लोगों की जा रही है। शिविर में अब की गई 151 लोगों की जांच में 38 मरीज डेंगू आशंकित पाए गए। आनन-फानन इन मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। सीएमओ ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। गांव सादातबाड़ी में गुरुवार को सीएमओ के निरीक्षण के बाद चिकित्साधीक्षक डॉ. विरास के नेतृत्व में सीएचओ, हेल्थ सुपरवाइजर, आशा समेत अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की दस-दस टीमें गांव में घर-घर में लार्वा का सोर्स ढूंढ रही हैं। इसके साथ ही लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है। शुक्रवार को टीमों ने कई घरों के फ्रिज की ट्रे समेत छतों व अन्य जगहों पर पानी के जमाव में खासी संख्या में लार्वा को डिडेक्शन किया। साथ ही मलेरिया विभाग ने गांव में एंटी लार्वा का छिड़काव कर लार्वा को नष्ट किया। इसके अलावा गांव में विशेष शिविर लगाकर बुखार से पीड़ित लोगों के खून की जांच की जा रही है। शिविर में अब तक की गई लोगों की जांच में दो दिनों में 38 लोग डेंगू आशंकित पाए गए। जिन्हे उपचार के लिए सीएचसी में भर्ती कराया गया। चिकित्साधीक्षक डॉ. विरास ने बताया कि पानी के जमाव में डेंगू का लार्वा पैदा होता है। इसके लिए लोगों को घरों के भीतर या बाहर पानी के जमाव न होने देने तथा बुखार आने पर रोगी को तुरंत सीएचसी पर लाने को कहा जा रहा है।
बुखार के बीच सीएमओ की लोगों से अपील
बहजोई। मौसम बदलने के साथ ही बुखार के मरीजों की संख्या में बढोत्तरी होने लगती है। ऐसे में सर्तकता ही सबसे बेहतर उपचार है। यदि किसी भी प्रकार का बुखार है तो, तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए या फिर गांव की आशा कार्यकर्ता को सूचना देनी चाहिए। यह कहना है सीएमओ डॉ. तरुण पाठक का। लोगों से अपील करते हुए सीएमओ ने कहा कि न तो खुद से चिकित्सा करनी है और न ही किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक के पास जाना है। सीएमओ ने बताया कि इस माह के दौरान डेंगू, मलेरिया, टॉयफाइड समेत वॉयरल बुखार से बचाव व उपचार को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए मेडिकेटेड मच्छरदानी के इस्तेमाल, घरों के भीतर साफ-सफाई, हाथों की स्वच्छता, पौष्टिक भोजन के सेवन, शुद्ध पेयजल समेत मास्क आदि का प्रयोग करना चाहिए।
गांव की आशा करती हैं मदद
बहजोई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अगर कोई बुखार का रोगी आशा कार्यकर्ता को सूचित करता है तो, वह मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने में मदद करती हैं। जरूरत पड़ने पर एंबुलेंस सेवा भी मुहैया कराती हैं। बुखार के मामले में कोई भी अनहोनी इस वजह से होती है कि लोग बुखार आने के बाद अपने मन से मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खाते हैं या फिर किसी अप्रशिक्षित चिकित्सक से उपचार लेते हैं। अगर समय से सही उपचार लिया जाए तो, अनहोनी का शिकार होने से बचा जा सकता है।
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