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सावधान: क्लोन एप से साइबर अपराधी कर रहे ठगी

Sambhal News - असमोली क्षेत्र में कई लोग फेक एप के शिकार हो रहे हैं। ये ऐप्स पेमेंट नहीं कर रहे, जिससे लोग परेशान हैं। साइबर सेल ने लोगों को सतर्क रहने और आधिकारिक ऐप्स का उपयोग करने की सलाह दी है। धोखेबाजों द्वारा...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलSun, 15 Sep 2024 07:51 PM
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- पेमेंट डालने पर न खाते से कटता और न होता है भुगतान, लोग परेशान - असमोली क्षेत्र में कई लोग हो चुके हैं शिकार, फेक एप हो रहा वायरल

असमोली, संवाददाता।

डिजिटल युग में हर चीजें ऑनलाइन हो रहीं हैं। वित्तीय लेनदेन मोबाइल ऐप्स के जरिए आसान हुए हैं। लेकिन जिस तेजी से यह सुविधाएं बढ़ रही हैं, उसी गति से साइबर खतरे भी बढ़े हैं। साइबर ठग धोखाधड़ी के नए तरीके भी खोज ले रहे हैं। ऐसे में हमें अधिकृत ऐप पर भरोसा करना श्रेयष्कर है। अगर कोई नकली ऐप के चक्कर में पड़ा तो उसे जमा पूंजी भी गंवानी पड़ सकती है।

साइबर सेल थाना प्रभारी मोहित कुमार चौधरी ने बताया कि धोखेबाज फेक ऐप का जाल बिछाकर लोगों से पैसा ऐंठ रहे हैं। असमोली समेत अन्य क्षेत्रों में सैकड़ों लोग इसके शिकार हो चुके हैं। लोगों ने थाने में इसकी शिकायत की है। डिजिटल लेनदेन में कई ऑनलाइन डिजिटल ऐप का क्लोन एप तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल हो रहे फेक ऐप ओरिजनल की तरह ही हैं, बस कलर का फर्क है। ओरिजनल ऐप में बैकग्राउंड सफेद है और सिंबल की आउटलाइन गुलाबी रंग है। जबकि, फेक एप ओपन करने पर बैकग्राउंड ब्लैक है और सिंबल गुलाबी रंग में है। एप की वर्किंग ऑरिजनल की तरह ही है। बस पेमेंट न तो कट रहा है और न कहीं ट्रांसफर हो रहा है। ऐप ब्लूटूथ से शेयर किया जा रहा है। थाना प्रभारी ने लोगों से डिजिटल लेनदेन में सतर्कता बरतने के लिए कुछ अहम जानकारियों दी है।

आइए, जानते हैं कैसे रहें सुरक्षित और कैसे करें सही डिजिटल लेनदेन

1. केवल आधिकारिक ऐप का इस्तेमाल करें। ऐप को हमेशा गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।

2. लेन-देन के बाद कन्फर्मेशन मैसेज की जांच करें। यदि ट्रांजेक्शन के बाद कन्फर्मेशन मैसेज नहीं आता है, तो तुरंत जांच करें।

3. सतर्क रहें : किसी भी अनजान ऐप का उपयोग करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें।

4. यूजर रिव्यू पढ़ें : ऐप इंस्टॉल करने से पहले उसके रिव्यू और रेटिंग की जांच करें। यह आपको फेक ऐप से बचा सकता है।

5. ओटीपी और पासवर्ड साझा न करें : कभी भी अपना ओटीपी, पासवर्ड या अन्य गोपनीय जानकारी किसी के साथ साझा न करें, चाहे वह किसी दोस्त या परिवार के सदस्य के रूप में क्यों न हो।

6. फिशिंग लिंक से बचें : किसी भी अनजान लिंक या मैसेज पर क्लिक करने से बचें, जो आपको ऐप इंस्टॉल करने का सुझाव दे रहा हो।

7. धोखाधड़ी की रिपोर्ट करें : अगर आपको कोई संदिग्ध ऐप मिलता है या आप किसी धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, तो तुरंत साइबर पुलिस या संबंधित बैंक को सूचित करें।

वर्जन--

साइबर थाना पुलिस काम कर रही है, कुछ तथ्य मिले हैं, उन्हें आधार बनाकर साइबर थाना पुलिस जुटी है। जिनके साथ ठगी हुई है, वह साइबर थाना प्रभारी से मिलकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

श्रीश्चंद्र, एएसपी संभल।

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