राम-भरत मिलाप देखकर भाव विभोर हुए दर्शक
गांव भुलावई में रामलीला के छठे दिन कलाकारों ने राम-भरत मिलाप का मंचन किया। राजा दशरथ की मृत्यु के बाद भरत राम को वापस लाने वन गए। वहां भरत ने राम से अयोध्या में राज्य करने की प्रार्थना की। राम ने भरत...
गांव भुलावई में हो रही रामलीला के छठे दिन कलाकारों ने राम-भरत मिलाप का भावपूर्ण मंचन किया। जिसमे देखकर दर्शक भाव विभोर हो उठे और देर रात तक रामलीला देखने के लिए जुट रहे। रामलीला मंचन में दिखाया गया कि जब राजा दशरथ की मृत्यु हो गई उसके बाद भरत को बुलाया गया और उन्हें सब जानकारी दी गई। तब भरत ने कहा कि वह राम को वापस लाएंगे और वह अपने परिवार सहित वन में चल दिए। वहां जाकर प्रभु श्री राम से मिले और माताओं को देखकर व राजा दशरथ भ की मृत्यु की खबर सुनकर परेशान हो उठे। इसके बाद भरत ने प्रभु राम से अयोध्या में राज्य करने तथा स्वयं वन में रहने की बात कही। भारत के अधिक कहने पर प्रभु श्री राम ने अपने खड़ाऊ दे दिए। भरत अयोध्या वापस आए गये चरण पादुका रखकर राज्य करने लगे। उधर, राम आगे बढ़े तो सती अनूसूईया ने सीता जी को स्त्रीधर्म के बारे बताया। इसके बाद प्रभु राम पंचवटी में आकर रहने लगे। वहां सूपनखां द्वारा विवाह करने की बात पर लक्ष्मण ने उसकी नाक काटकर रावण को खुली चुनौती दे दी। वह खर दूषण के पास पहुंची। जिनका राम ने वध कर दिया। इसके बाद वह रावण के दरबार में पहुंची और सारी बात बताई। रावण समझ गया कि खर दूषण मेरे समान ही बलवान है। इसका मतबल धरती पर प्रभु ने अवतार ले लिया है। उनसे बैर लेकर इस भवसागर से पार हो जाऊंगा। इसके बाद रावण मामा मारीच के पास पहुंचा।
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