जब समय मिल जाए तभी भक्तों को भक्ति में लीन हो जाना चाहिए
Sambhal News - भक्ति की कोई आयु नहीं होती, भक्तों को हर समय भक्ति में लीन होना चाहिए। कथा व्यास दीदी प्रिया किशोरी ने श्रीमद भागवत कथा के दौरान बताया कि भक्ति मार्ग ही सुख और मोक्ष का साधन है। उन्होंने कहा कि ध्रुव...
भक्ति की कोई आयु, समय सीमा नहीं होती है। जब समय मिल जाए तभी भक्तों को भक्ति में लीन हो जाना चाहिए। यह सद विचार कथा व्यास दीदी प्रिया किशोरी ने श्रीमद भागवत कथा के दौरान व्यक्त किए। श्री गीता सत्संग भवन में चल रही श्रीमद कथा के तीसरे दिन कथा व्यास ने कहा कि जिस प्रकार से छोटी उम्र में ध्रुव और प्रहलाद ने भक्ति के तेज और प्रताप से आध्यात्मिकता का कीर्तिमान बढ़ाया तथा सत्संग का ध्वज पूरी दुनिया में लहराया। श्री सनातन धर्म का मान आगे ले जाने का उत्कृष्ट कार्य किया। कथा व्यास दीदी प्रिया किशोरी ने बताया कि एकमात्र भक्ति मार्ग ही सुख, सम्पदा और मोक्ष प्राप्ति का साधन है। जैसा कि ग्रंथों में भी बताया गया है कि मानव तन मुश्किल से मिलता है। इसीलिए हम सभी को हरि का भजन नित्य प्रति करना चाहिए। भक्ति में इतनी ताकत है कि जैसे ही आप हरी नाम का संकीर्तन शुरू करते हैं, वैसे ही चेहरे की चमक और मन की शुद्धि में वृद्धि होने लगती है। हमारे चारों ओर का वातावरण भी भक्तिमय हो जाता है तथा घर आंगन में भक्ति रूपी बगिया खिल खिलखिलाने लगती है। इस दौरान कृष्ण अवतार गुप्ता,आचार्य राधे, हरिओम मिश्रा, ग्रीश शर्मा, ठाकुर हरेंद्र सिंह, रोहित गुप्ता, कृष्णा गोपाल गुप्ता, कवि माधव मिश्रा, डॉ़ जय शंकर दुबे, जगदीश राणा आदि मौजूद रहे।
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