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संभल सांसद बर्क को हाई कोर्ट से झटका, FIR रद्द करने की मांग खारिज; गिरफ्तारी पर रहेगी रोक

  • हाई कोर्ट ने संभल हिंसा के बाद अपने खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर रद्द करने की सपा सांसद की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पुलिस की जांच जारी रहेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस को सांसद को फिलहाल गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने सांसद को जांच में सहयोग करने को कहा है।

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानFri, 3 Jan 2025 01:09 PM
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संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के मामले में आरोपी सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने संभल हिंसा के बाद अपने खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर रद्द करने की सपा सांसद की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पुलिस की जांच जारी रहेगी। हालांकि कोर्ट ने पुलिस को सांसद को फिलहाल गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया है।

हाई कोर्ट ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने आदेश पर अमल करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि जिन धाराओं में सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है उनमें सात साल से कम की सजा होती है। पुलिस इस मामले में नोटिस जारी कर सांसद से पूछताछ कर सकती है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति अजहर हुसैन इदरीसी की खंडपीठ ने दिया।

शुक्रवार को हुई सुनवाई में सांसद जियाउर्रहमान बर्क की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्लाह और सैयद इकबाल और राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता एके संड सुनकर दिया। कोर्ट ने मामले की जांच जारी रखने और सांसद जियाउर्रहमान बर्क को पुलिस की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है।

संभल पुलिस ने 24 नवंबर को हुई हिंसा में सपा के स्थानीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क को भी आरोपी बनाया था। सांसद के खिलाफ हिंसा के लिए लोगों को उकसाने के आरोप में नामजद एफआईआर दर्ज है। उनके खिलाफ कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी।

सांसद ने याचिका में की थी ये मांग

सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने याचिका दाखिल कर एफआईआर रद्द किए जाने की मांग की थी। साथ ही याचिका पर निर्णय तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग भी की थी। याचिका में सपा सांसद में खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा था कि सियासी बदले की भावना की वजह से उनके खिलाफ फर्जी केस दर्ज किया गया है।

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