अखिलेश के बाद यूपी विधानसभा में ओम प्रकाश सिंह ने संभाला हास-परिहास का मोर्चा, खूब हंसे CM योगी
- उत्तर प्रदेश विधानसभा देश के उन चुनिंदा सदनों में हैं, जहां सरकार और विपक्ष गंभीर मसलों पर हास-परिहास के साथ बहस कर लेता है। अखिलेश यादव के संसद जाने के बाद सपा के विधायक ओम प्रकाश सिंह ने सदन में हास-परिहास का मोर्चा संभाला है।
उत्तर प्रदेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक कटुता चाहे जितनी भी हो, विधानसभा में दोनों तरफ के विधायक गंभीर से गंभीर मसलों पर भी हास-परिहास के साथ बहस निपटा लेते हैं। जब समाजवादी पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव नेता विपक्ष थे, तब उनकी, उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ और मंत्रियों के बीच हास्य-व्यंग्य का दौर लगातार चला। अब जब अखिलेश संसद चले गए हैं तो सपा विधायक ओम प्रकाश सिंह ने ठिठोली भरी चुटीली बातें करने का मोर्चा संभाल लिया है। बिजली कंपनियों के निजीकरण पर मंगलवार को बहस के दौरान ओम प्रकाश सिंह ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को निशाने पर लेकर ऐसी-ऐसी बातें कहीं कि सीएम योगी के साथ-साथ पूरे सदन ने कई बार ठहाके लगाए।
उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग के तहत आने वाले दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ बहस में सात बार के विधायक और जमनिया के एमएलए ओम प्रकाश सिंह ने सीएम योगी से कहा कि निजीकरण नहीं करें क्योंकि कुछ मिले या ना मिले, आपको बदनामी जरूर मिलेगी। ओम प्रकाश सिंह ने निजीकरण के खिलाफ कई तर्क रखे और इस दौरान कई बार ऐसी बातें कहीं जिससे सदन हंसने लगा। उसकी कुछ झलकियां।
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बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को लेकर सिंह ने कहा- “बिजली मंत्री की कोई गलती नहीं है। जब किताब पढ़े तो गुजरात चले गए। पूरी जवानी वहां खत्म कर दिए। अब चले आए हैं हम लोगों को तंग करने के लिए। बिजली विभाग के बारे में पता कर लीजिए। इनका जेई कर क्या कर रहा है। मुस्कुराइए मत। माननीय मंत्री जी, जब आपको मैं सपना में भी कभी-कभी देखता हूं तो कहता हूं कि चेहरा इतना सुंदर है, काम क्यों नहीं अच्छा करते हैं।”
सिंह ने पांच निजी कंपनियों का नाम गिनाते हुए कहा- “ये 5 कंपनियां पूरे दक्षिणांचल और पूर्वांचल को मीटर देते हैं। ये तय नहीं है कि कौन मीटर कब मिलेगा। कौन मीटर कहां लगेगा। विभाग ढाई साल में तय नहीं कर पाई कि कौन मीटर कंपनी अच्छी है। कभी किसी का मीटर इतना तेज भाग रहा है। गांव में क्या हो रहा है। जनता से चुनाव लड़कर आएंगे तो समझ में आएगा। ये ऊपर वाले हैं। ऊपर कहां से हैं, भगवान जानें।”
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सिंह ने आगे कहा- “किसान को यूपी में रहने का अधिकार नहीं है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल के कॉरपोरेशन को आप दे देंगे। माननीय मंत्री जी, आप ये तो बता दो कि कंपनी एक्ट में क्या नियम है। कंपनी एक्ट में नियम है कि कम से कम मुनाफा 16 परसेंट होना चाहिए। उनको दान करने के लिए दे रहे हैं क्या। आप असेसमेंट (मूल्यांकन) किए हैं। दोनों पावर कॉरपोरेशन का मूल्यांकन है एक लाख करोड़। और देने की बात कितने में हो रही है। 1500 करोड़। इतना दानी हैं तो घर वाला दान कर देते। सरकार का काहे दान कर रहे हैं।”
सपा विधायकों को बोलने के लिए आवंटित दूसरे सदस्यों के समय का भी इस्तेमाल करते हुए ओम प्रकाश सिंह ने कहा- “हर चीज बेचने के लिए थोड़े बना है। सरकार धंधा करने के लिए थोड़े आई है। शराब में इतनी आमदनी हो रही है। नेता सदन ने भी कहा कि शराब में इतना हजार करोड़ का फायदा हो रहा है।” इस पर स्पीकर सतीश महाना ने चुटकी ली और सिंह से पूछा- शराब वाले में आपका योगदान है या नहीं है।
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इस पर ओम प्रकाश सिंह ने कहा- “मैं आज तक कोई नशा नहीं किया हूं। नशा एक ही है कि कि गरीब, किसान के लिए, लाठी खाए हैं, जेल भी गए हैं। नशा यही है कि जिंदगी में कुछ कर जाऊं। फिर आना नहीं है। हमको तो नहीं आना है। लेकिन माननीय मंत्री जी को जरूर आना है। ये राम, कृष्ण, बुद्ध सबसे ऊपर हैं। नेता सदन से राय लीजिए। कुछ काम करिए। सोचिए। हम समझ रहे हैं कि आपकी वकालत कहीं और से है। लेकिन आप कुछ अच्छा काम करिए। आप बिजली विभाग में ऐसा कर दिए हैं कि रोज कर्मचारी मेरे यहां चले आ रहे हैं।”
स्पीकर ने जब ओम प्रकाश सिंह को काफी समय से बोलने के लिए टोका तो उन्होंने कहा- “हम कोई खराब बात नहीं बोल रहे हैं। हमसे नेता सदन चाह रहे हैं कि हम खूब तारीफ करें। हम विपक्ष में तारीफ करने बैठे हैं। जो सही होगा, वो बोलेंगे। हमसे आप चाह रहे हैं कि हम तारीफ करें। कैसे होगा।”
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सिंह ने सीएम योगी से कहा- “नेता सदन आप मन को थोड़ा सा बड़ा कर लीजिए। हर विधायक को कहे कि 6 करोड़ रुपया दूंगा। कुछ करा दीजिए। उधर वाला भी हम लोग से बोलता है। डर के मारे आपसे नहीं बोलेगा। टिकट कट जाएगा। कुछ करा दीजिए। हम लोग भी 403 में आते हैं। हम लोग कोई पाकिस्तान से नहीं आए हैं। यूपी के ही विधानसभा क्षेत्र से आए हैं। माननीय नेता सदन बिजली को प्राइवेट को जाने मत दीजिए। इसके जाने से आपको कुछ मिलेगा, नहीं मिलेगा, आप जानते हैं। बदनामी मिलेगी पक्का। यूपी का भला हो जाएगा।”