Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़samajwadi party made plan for 2027 elections set new conditions for ticket claimants

उपचुनाव की हार से मायूस सपा ने बनाया एक्शन प्लान, 2027 में टिकट के दावेदारों के लिए तय की नई शर्त

  • 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कार्यकर्ताओं व टिकट की चाह रखने वालों को पूरी तरह सक्रिय करने की तैयारी शुरू कर दी है और इसी के साथ सपा ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों को संदेश दे दिया है कि वह खुद सक्रिय होकर कार्यकर्ताओं को भी पीडीए का संदेश देने के काम में लगा दें।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, विशेष संवाददाताSat, 4 Jan 2025 07:02 PM
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उपचुनाव की हार से मायूस अपने काडर को अगले मिशन के लिए तैयार करने को समाजवादी पार्टी ने नया एक्शन प्लान बनाया है। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से कार्यकर्ताओं व टिकट की चाह रखने वालों को पूरी तरह सक्रिय करने की तैयारी शुरू कर दी है और इसी के साथ सपा ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए दावेदारों को संदेश दे दिया है कि वह खुद सक्रिय होकर कार्यकर्ताओं को भी पीडीए का संदेश देने के काम में लगा दें।

पार्टी ने तय किया है कि सक्रिय, पार्टी के कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने वालों व पीडीए से जुड़े वोटों को अपने पक्ष मे कर सकने की क्षमता वालों को ही टिकट मिलेगा। केवल प्रचार होर्डिंग लगाने से काम नहीं चलेगा। उपचुनाव में नौ सीटों में सात पर हार मिलने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने लोगों के बीच कहा कि अब विधानसभा चुनाव की लड़ाई काफी कठिन है। भाजपा की रणनीति से मुकाबले के लिए माइक्रो लेवल पर काम करना होगा और सतर्कता बरतते हुए विरोधियों की चालों को काटना होगा।

असल में अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में पीडीए (पिछड़ा दलित व अल्पसंख्यक) फार्मूले का कामयाबी से इस्तेमाल किया। चाहे वह टिकट वितरण हो या इसके जरिए पीडीए वोटरों की अपने पक्ष में कामयाबी लामबंदी करना रहा हो। इस समीकरण ने सपा को ऐसी सियासी उछाल दी कि वह लोकसभा में 37 सीटें तक पहुंच गईं। पर बाद में हुए उपचुनाव में हालात ऐसे बने कि सपा को केवल दो सीटों पर संतोष करना पड़ा।

विधानसभा चुनाव में अभी वक्त, पर तैयारी शुरू

यूं तो विधानसभा चुनाव में अभी दो साल से ज्यादा का वक्त है। लेकिन पार्टी में टिकट के दावेदार अभी से टिकट के लिए माहौल बनाने में लगे हैं और लखनऊ से लेकर अपने विधानसभा क्षेत्र में टिकट के आकांक्षी के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया है। कुछ तो अपना टिकट पक्का बता रहे हैं। लेकिन सपा नेतृत्व ने तय किया है कि 2022 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार टिकट ऐन वक्त पर तय करने के बजाए थोड़ा पहले तय कर दिए जाएंगे ताकि कोई उहापोह न रहे और प्रचार के लिए पूरा वक्त रहे। सपा ने कांग्रेस से गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसमें सीटों का बंटवारा भी चुनाव वक्त ही होगा।

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