Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Sales of petrol-diesel cars are declining in up, sales of two-wheelers increased by 8%

यूपी में पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री घटती जा रही, दो पहिया वाहनों की बिक्री 8% बढ़ी

  • यूपी में पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री घटती जा रही है। पिछले साल से तुलना करें तो करीब चार प्रतिशत घट गई। वहीं दो पहिया वाहनों की बिक्री में करीब आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

Deep Pandey लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊ, विधि सिंहWed, 1 Jan 2025 06:44 AM
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उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों की बिक्री पिछले साल की तुलना में करीब चार प्रतिशत घट गई। वहीं दो पहिया वाहनों की बिक्री में करीब आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री की ओर भी लोगों ने रुख किया हालांकि इन कारों की बिक्री के आंकड़े संतोषजनक ही है। अभी चार्जिंग स्टेशन और ज्यादा छूट न मिलने की वजह से इन कारों की तरफ लोगों का रुझान नहीं बढ़ा है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल दो पहिया वाहन 27 लाख पांच हजार 569 बिके जबकि पेट्रोल-डीजल चलित कारों की बिक्री का आंकड़ा तीन लाख 96 हजार 496 तक पहुंचा।

वर्ष 2023 में दो पहिया वाहन 25 लाख 13 हजार 454 बिके। इस साल पेट्रोल-डीजल चलित चार लाख 12 हजार 914 कारों की बिक्री हुई। यानी पिछले साल की तुलना में 16 हजार 418 कारों की बिक्री कम हुई। इन आंकड़ों से साफ है कि दो पहिया वाहनों की बिक्री 7.64 प्रतिशत बढ़ी और कारों की बिक्री 3.98 प्रतिशत घट गई।

धीरे-धीरे बढ़ रहा इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुझान

बीते दो सालों की अपेक्षा इस साल यानी वर्ष 2024 में इलेक्ट्रिक कारों की ओर रुझान काफी बढ़ा। वर्ष 2023 में 18 प्रतिशत ई-कारों की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई थी। इस साल 25708 ई कारों की बिक्री हुई। इसमें सबसे ज्यादा 2479 ई-कारें अक्टूबर में बिकी। इसकी वजह दीपावली त्योहार माना जा रहा है। जनवरी, फरवरी में ई-कारों की बिक्री का आंकड़ा 1000 से भी कम रहा। जनवरी में ईवी 460 और इलेक्ट्रिक कारें 460 बिकी। इसी तरह फरवरी में इन दोनों तरह की ई कारें 445 बिकी। दिसंबर में ईवी 492 बिकी जबकि इलेक्ट्रिक कारें 162 ही बिकी।

ये भी पढ़ें:यूपी में बन रहे ये छोटे -छोटे एक्सप्रेसवे बनाएंगे लंबी दूरी के सफर को आसान

उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों की बिक्री पिछले साल की तुलना में करीब चार प्रतिशत घट गई। वहीं दो पहिया वाहनों की बिक्री में करीब आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री की ओर भी लोगों ने रुख किया हालांकि इन कारों की बिक्री के आंकड़े संतोषजनक ही है। अभी चार्जिंग स्टेशन और ज्यादा छूट न मिलने की वजह से इन कारों की तरफ लोगों का रुझान नहीं बढ़ा है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल दो पहिया वाहन 27 लाख पांच हजार 569 बिके जबकि पेट्रोल-डीजल चलित कारों की बिक्री का आंकड़ा तीन लाख 96 हजार 496 तक पहुंचा।

वर्ष 2023 में दो पहिया वाहन 25 लाख 13 हजार 454 बिके। इस साल पेट्रोल-डीजल चलित चार लाख 12 हजार 914 कारों की बिक्री हुई। यानी पिछले साल की तुलना में 16 हजार 418 कारों की बिक्री कम हुई। इन आंकड़ों से साफ है कि दो पहिया वाहनों की बिक्री 7.64 प्रतिशत बढ़ी और कारों की बिक्री 3.98 प्रतिशत घट गई।

धीरे-धीरे बढ़ रहा इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ रुझान

बीते दो सालों की अपेक्षा इस साल यानी वर्ष 2024 में इलेक्ट्रिक कारों की ओर रुझान काफी बढ़ा। वर्ष 2023 में 18 प्रतिशत ई-कारों की बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई थी। इस साल 25708 ई कारों की बिक्री हुई। इसमें सबसे ज्यादा 2479 ई-कारें अक्टूबर में बिकी। इसकी वजह दीपावली त्योहार माना जा रहा है। जनवरी, फरवरी में ई-कारों की बिक्री का आंकड़ा 1000 से भी कम रहा। जनवरी में ईवी 460 और इलेक्ट्रिक कारें 460 बिकी। इसी तरह फरवरी में इन दोनों तरह की ई कारें 445 बिकी। दिसंबर में ईवी 492 बिकी जबकि इलेक्ट्रिक कारें 162 ही बिकी।

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पेट्रोल कारों की बिक्री सबसे ज्यादा अक्तूबर में हुई

परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पेट्रोल कारें सबसे ज्यादा अक्तूबर में 51340 बिकी। इस साल सबसे कम कारें 12071 दिसंबर में बिकी। इसके बाद फरवरी, जून, जुलाई और सितम्बर में यह आंकड़ा काफी कम रहा। सितम्बर में पूरे प्रदेश में सिर्फ 21005 कारें की बिकी। जनवरी में कारों की बिक्री दूसरे स्थान पर रही। इस महीने 44962 कारें बिकी। जनवरी और अक्तूबर में नए साल व दीपावली त्योहार की वजह से वाहनों की बिक्री में ज्यादा इजाफा रहता है।

पेट्रोल-डीजल कारों की बिक्री कम होने की वजह

-डीजल कारों के भविष्य को लेकर संशय है कि कब पूरी तरह से रोक लग जाए

-डीजल कारों की सर्विसिंग व रख-रखाव महंगा

-पेट्रोल का लगातार महंगा होता जाना

-ई-कारों की बिक्री बढ़ना

ई-कारों में बिक्री का ज्यादा न बढ़ना

-ई-कारों की बिक्री बढ़ी जरूर लेकिन परिणाम अभी संतोषजनक नहीं

-चार्जिंग स्टेशनों की कमी होना

-ऐसे वाहनों से ज्यादा दूर का सफर करने में हिचकिचाहट

-वायदों के मुताबिक ई-बिक्री कारों की दरों में ज्यादा कमी न होना

-सब्सिडी भी ज्यादा नहीं मिल रही

-ई-कारों के पांच-छह साल बाद उसकी बैट्री की गुणवत्ता को लेकर संशय

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