नए शैक्षिक संस्थान खोलना सर सैयद को सच्ची श्रद्धांजलि
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सर सैयद डे कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें शिक्षा के माध्यम से समाज सेवा पर चर्चा हुई। मुख्य अतिथि डॉ मौहम्मद लुकमान खान ने सर सैयद की ऐतिहासिक भूमिका को रेखांकित...
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अल्युमिनियम एसोसिएशन द्वारा महानगर के एक सभागार में सर सैयद डे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें उनके द्वारा शिक्षा के माध्यम से की गई समाज सेवा को लेकर विस्तार रूप से चर्चा की गई। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने अपने बच्चों को शिक्षित करने का संकल्प लिया। साथ ही शिक्षा से वंचित रहने वाले बच्चों के अभिभावकों को प्रेरित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए लिंगायस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ मौहम्मद लुकमान खान ने कहा कि सर सैयद आधुनिक शिक्षा के संस्थापक और एक ऐतिहासिक शख्सियत थे। उन्होंने मुस्लिम समाज में जड़ बंदी को दूर कर तालीमी मिशन को आगे बढ़ाने के लिए अलीगढ आन्दोलन की शुरआत की थी। सांसद इमरान मसूद ने कहा कि उन्होंने शिक्षा के हथियार से मुसलमानों को आगे बढ़ने का हौसला दिया। महान व्यक्तित्व की पहचान यह है कि वह ऐसी धरोहर छोड़ता है, जो वक्त के साथ खत्म नहीं होती। सर सैयद ने यही विजन समाज को दिया हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के प्रोफेसर माजिद जमील ने कहा कि नए शैक्षिक संस्थाएं खोलना सर सैयद को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। कार्यक्रम में पूर्व सांसद फजलुर्रहमान, डायरेक्टर नूर सबूर रहमानी, डॉ ओबैद इकबाल आसिम, सिकंदर हयात ने भी विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कामरान, अनस गुलनाज, खलीक अहमद, सलीम उर्रहमान, शाजिया मसूद, सायमा मसूद, हमजा मसूद, आसिफ इकबाल समेत आदि मौजूद रहे। मौजूद लोगों ने सामूहिक रूप से अलीगढ़ यूनिवर्सिटी का तराना यह मेरा चमन यह मेरा चमन गाकर कार्यक्रम का समापन किया।
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