पड़ताल : दो गुनी हो गई मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने वालों की संख्या
कोरोना महामारी में मौत के सरकारी आंकड़े भले ही कम हों, लेकिन स्थिति बेहद भयावह है। नगर निगम में पहुंच रहे मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन भी इसकी गवाही...
कोरोना महामारी में मौत के सरकारी आंकड़े भले ही कम हों, लेकिन स्थिति बेहद भयावह है। नगर निगम में पहुंच रहे मृत्यु प्रमाणपत्र के आवेदन भी इसकी गवाही दे रहे हैं। पिछले एक माह में मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदनों की संख्या दो गुणा तक बढ़ गई है। हैरत की बात तो यह है कि ज्यादातर आवेदन में घर में ही मौत होने का दावा किया जा रहा है।
हिन्दुस्तान टीम ने कोरोना की दूसरी लहर के बाद नगर निगम में पहुंचने वाले मृत्यु प्रमाणपत्रों के आवेदनों की स्थिति की पड़ताल की। जिसमें चौंकाने वाले तथ्य समाने आए हैं। नगर निगम कर्मचारियों की माने तो आम दिनों में एक दिन में 30 से 35 आवेदन की मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए नगर निगम में पहुंचते थे। लेकिन, जब से कोरोना सक्रमण की दूसरी लहर ने जोर पकड़ा है। तब से यह संख्या बढ़कर 70 आवेदन प्रतिदिन तक पहुंच गई है। कर्मचारियों को दावा है कि कई बार तो 70 से भी अधिक आवेदन नगर निगम में पहुंच रहे हैं।
इसके साथ ही नगर निगम कर्मचारियों का दावा है कि नगर निगम मे जो आवेदन आ रहे हैं उनमें मृतकों की मौत घर में ही होने का दावा किया जा रहा है। जिसकी पड़ताल के बाद नगर निगम की कर्मचारी द्वारा सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन होने के बाद ही मृत्यु प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
-सत्यापन के लिए लगाई जाएगी टीम
नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कुनाल जैन ने बताया कि मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने से पहले सत्यापन कराया जाना आवश्यक है। संबंधित वार्ड के सफाई निरीक्षक द्वारा इसका सत्यापन कराया जाता है। सत्यापन के बाद ही ऑनलाइन प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
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