बदलेगा जिला पंचायत और क्षेत्र पंचायतों का आरक्षण
शासन की ओर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण नीति जारी कर दी गई है। इसके चलते जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत के साथ ही गांव पंचायतों का मौजूदा...
शासन की ओर से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण नीति जारी कर दी गई है। इसके चलते जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत के साथ ही गांव पंचायतों का मौजूदा आरक्षण में बदलाव होंगे। इस बार चुक्रानुक्रम आधार पर आरक्षण मिलने से गांव की राजनीति में हलचल भी पैदा हो गई है। नए फामूले के बाद दावेदारों का गणित भी फेल हो गया है। पंचायत राज विभाग आरक्षण की तैयारियों में जुट गया है।
जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों के साथ ही 884 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों के साथ 1206 क्षेत्र पंचायत वार्ड और 49 जिला पंचायत वार्डो के लिए चुनाव होना है। चुनाव में आरक्षण को लेकर लोगो को बेसब्री से इंतजार था। शासन की ओर से आरक्षण की नीति लागू करने के बाद दावेदारी करने वालों के गणित फेल हो गए है। हर कोई मान रहा था कि आरक्षण नीति को खत्म करने हुए इसका निर्धारण किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शासन की ओर से चक्रानुक्रम आधार पर आरक्षण प्रकिया किए जाने से बीते चुनाव में जो सीट जिस वर्ग के लिए थी उसे इस बार मौका नहीं मिलेगा।
-पंचायत राज विभाग जुटा तैयारी में
शासन की ओर से आरक्षण के नए फामूलें को लागू करने के बाद पंचायत राज विभाग भी तैयारियों में जुट गया है। विभाग की ओर से बीते चुनावों के आरक्षण का डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद आरक्षण निर्धारण की कार्रवाई की जाएगी।
-तीन ग्राम पंचायतें हो गई कम
जिले में पहले 887 ग्राम पंचायतें थी। तीन ग्राम पंचायतें कम हो गई हैं। छुटमलपुर, फतेहपुर और रामपुर ग्रामीण ग्राम पंचायतें निकाय में शामिल हो गई हैं। वहीं नए फामूले के बाद 1995 के बाद बने नए जिलों में भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सहारनपुर मंडल में शामली अलग हुआ है। 2011 में मुजफ्फरनगर से काटकर शामली जिले का गठन हुआ। अब वहां अलग जिला पंचायत है।
-जिले की स्थिति पर नजर
ग्राम पंचायतों की संख्या-884
ग्राम पंचायत वार्डों की संख्या-11210
क्षेत्र पंचायत वार्डों की संख्या-1206
जिला पंचायत वार्डों की संख्या-49
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