यात्रियों-कर्मचारियों के साथ चूहों का रिकॉर्ड रखेगा रेलवे
ट्रेनों और यात्रियों के लिए सिरदर्द बने चूहों को पकड़ने में अब रेलवे की ओर से लापरवाही नहीं होगी। ट्रेनों में पकड़े जाने वाले हर चूहे का रिकॉर्ड...
सहारनपुर। संवाददाता
ट्रेनों और यात्रियों के लिए सिरदर्द बने चूहों को पकड़ने में अब रेलवे की ओर से लापरवाही नहीं होगी। ट्रेनों में पकड़े जाने वाले हर चूहे का रिकॉर्ड रखना होगा। ट्रेन में चूहा दिखे तो उसका फोटो खींचकर संख्या भेजनी होगी। अब तक एक भी चूहा नहीं पकड़ा गया है। शिकायत मिलने पर रेल अधिकारी चूहे पकड़ने की कार्रवाई करते हैं। ट्रेनों में रैट ट्रैप लगाए गए हैं।
सहारनपुर रेलवे स्टेशन ए श्रेणी का है। 150 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं। जिनमें कई लाख यात्री सफर करते हैं। ट्रेनों में चूहे हर साल काफी नुकसान पहुंचाते हैं। हालांकि जब से कोरोना संक्रमण फैला तब से ट्रेनों का संचालन बंद हैं, लेकिन कुछ ट्रेनों को स्पेशल बनाकर चलाया जा रहा है। इनमें भी चूहे खासी दिक्कत पैदा कर रहे हैं।
-नौचंदी एक्सप्रेस में लगाए रैट ट्रैप
रेलवे में एसएसई पीएनडब्लू ब्रह्मपाल के मुताबिक, सहारनपुर से नौचंदी एक्सप्रेस बनकर चलती है। जिसकी बोगियों में चूहों को पकड़ने के लिए रैट ट्रैप लगाए गए हैं। चूहों की गिनती कर रिकॉर्ड में दर्ज होती है। ट्रेन में चूहे दिखने की शिकायत रेलवे के संबंधित विभाग के पास नहीं पहुंची है। जिसके चलते ट्रेन से एक भी चूहा नहीं पकड़ा गया है। क्योंकि चूहों को पकड़ने इतना आसान नहीं होता। छोटे चूहे तो रैट ट्रैप में आसानी से आ जाते हैं, लेकिन बढ़े चूहे काफी तंग करते हैं।
-चूहों से होने वाली परेशानी
-चूहों की नजर यात्रियों के खाने-पीने के सामानों पर रहती हैं।
-सीट कवर को कुतर कर खराब कर देते हैं।
-एसी कोच में रखे बेडरोल भी कुतरने में परहेज नहीं करते।
-कभी-कभी लाइट और पंखों के तार भी काट देते हैं।
-चूहों को पकड़ना बड़ी चुनौती
ट्रेनों में चूहों को पकड़ना बड़ी चुनौती हैं। कई बार ट्रेनों में चूहे दिख जाते हैं, लेकिन उसे पकड़ना काफी टेढ़ा काम है। यहीं कारण है कि रेलवे ने चूहों को पकड़ने के लिए रैट ट्रैप लगा रखें हैं। जिसकी मदद से चूहों को पकड़ा जाता हैं।
- ब्रह्मपाल, एसएसई पीएनडब्लू
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