सिंचाई विभाग पर अनदेखी का आरोप, किसानों ने पूर्वी यमुना नहर को किया बंद
खेतों में खड़ी फसलें सूखने के कगार पर, नहर बंद कर राजबाहे में छोड़ा पानीराजबाहो में पानी नही छोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों को सिंचाई करने के लिए...
रजवाहों में पानी न छोड़े जाने से गुस्साए किसानों ने शुक्रवार को पूर्वी यमुना नहर को बंद करते हुए रजवाहे में पानी छोड़ दिया। किसानों का कहना था कि वे सिंचाई करने से वंचित हैं और उनके खेतों में खड़ी फसलें सूखने के कगार पर हैं। किसानों ने सिंचाई विभाग पर अनदेखी का आरोप लगाया, नहर बंद होने की सूचना पर पहुंचे सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने किसी प्रकार किसानों को समझाया और रजवाहे में पानी छोड़ने का आश्वासन दिया।
बता दें कि हथनीकुंड बैराज से चार प्रदेशों के लिए पानी का बंटवारा किया हुआ है। हरियाणा व यूपी में दो नहरे निकाली गई है। एक नहर पूर्वी यमुना नहर जो यूपी की ओर निकाली गई है, जबकि दूसरी नहर पश्चिमी यमुना नहर हरियाणा की ओर निकाली गई है। इस नहर से हरियाणा के अलावा दिल्ली का पंजाब प्रदेश तक पानी पहुंचता है। यूपी की ओर निकलने वाली पूर्वी यमुना नहर में पिछले काफी दिनों से पानी का टोटा है, जिसके चलते पूर्वी यमुना नहर से जुड़े रजवाहों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों को सिंचाई करने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आलमपुर रजवाहे में पानी न छोड़े जाने से गुस्साए दर्जनों किसान शुक्रवार को पूर्वी यमुना नहर पहुंचे और पत्थर, मिट्टी के कट्टे आदि से नहर बंद कर रजवाहों में पानी चालू कर दिया। सूचना पर सिंचाई विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाने का प्रयास किया लेकिन किसान नहीं माने। किसानों का कहना था कि रजवाहे में पानी न आने से आलमपुर, अमादपुर, साढौली भुड़, साढौली कदीम, सलेमपुर, घगरौली, रसूलपुर आदि दर्जनों गांवों के किसान सिंचाई को तरस रहे हैं, उनकी फसल प्रभावित हो रही है। सिंचाई विभाग के जिलेदार तौफ़ीक़ ने बताया कि हथनीकुंड बैराज से पूर्वी यमुना नहर में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है जिस कारण रजवाहों में पानी नहीं छोड़ा जा सका। किसानों से बात हो गई है, जल्द ही रजवाहे में पानी छोड़ा जाएगा।
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