गोर्वधन पूजन कर परिवारों में की गई खुशहाली की प्रार्थना
गंगोह। नगर और देहात में गोवर्धन पूजन पर्व बडी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। घर-घर गोवर्धन पूजन की गई।दीपावली महोत्सव व अन्नकूट पर्व के उपर
गंगोह। नगर और देहात में गोवर्धन पूजन पर्व बडी श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। घर-घर गोवर्धन पूजन की गई। दीपावली महोत्सव व अन्नकूट पर्व के उपरान्त मनायें जाने वाला गोवर्धन पूजन शनिवार की सायं को गोपालकों, किसानों व अन्य परिवारों में मनाया गया। गोवर्धन पूजन परम्परा भगवान श्रीकृष्ण द्वारा इन्द्र देवता के मान मर्दन से जुडी है। बताया जाता है कि गोकुलवासी इन्द्र देवता को खुश करने के लिए उनके सम्मान में शानदार आयोजन करते थे। यह बात लीलाधारी कृष्ण को नही भायी। उनके रोके जाने पर इन्द्र देव ने भयंकर वर्षा कर त्राहि-त्राहि मचा दी, तब भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर धारण कर ग्वालों, ग्वालिनों और गोवंश को उसके नीचे शरण दी। इसके बाद से ही गोवर्धन पूजन की परम्परा चली आ रही है।
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