साम्प्रदायिक सौहार्द्र का सेतु बने रावण-मेघनाद के पुतले
जिले में रावण दहन सांप्रदायिक सौहार्द्र का सेतु बना है। दशकों से मुस्लिम कारीगर रावण व मेघनाथ का पुतला तैयार कर रहे हैं। प्रशासन की गाइडलाइन के...
सहारनपुर। संवाददाता
जिले में रावण दहन सांप्रदायिक सौहार्द्र का सेतु बना है। दशकों से मुस्लिम कारीगर रावण व मेघनाथ का पुतला तैयार कर रहे हैं। प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार इस बार पुतला 10 से 15 फुट का ही होगा। जबकि पहले पुतले 40 से 50 फीट तक ही बनते थे। इसके साथ ही इस बार पुतलों में आतिशबाजी भी कम होगी। रावण दहन के लिए पुतलों को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सहारनपुर में मनाए जाने वाले त्योहारों में गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल देखने को मिलती है। रावण दहन में भी दशकों से इस मिसाल को कायम रखा है। रावण दहन के लिए तैयार होने वाले पुतलों को मुस्लिम कारीगर तैयार कर रहे हैं। जुबली पार्क के लिए पुतले तैयार कर रहे मुस्लिम शमसेर अली व मोहम्मद आरिफ रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बना रहे हैं। शमसेर अली बताते हैं कि वो 15 साल से पुतला बनाने का कार्य कर रहे हैं। इस काम के प्रति उनकी भावनाओं का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बिना स्नान किए पुतले बनाने का काम शुरू नहीं करते। मोहम्मद आरिफ ने बताया कि इस बार कोरोना के चलते काम कम मिला है। वो करीब 10 साल से जुबली पार्क में होने वाले रावण दहन का पुतला तैयार कर रहे हैं। उनके परिवार के लोग भी पुतला बनाने का काम करते हैं। वर्ष भर अन्य कारोबार करते हैं, लेकिन दशहरे से एक माह पूर्व विभिन्न स्थानों पर पुतले बनाने चले जाते हैं।
गाइडलाइन के तहत 10 से 15 फुट होगा पुतला
कोरोना के चलते इस बार पुतलों की लंबाई भी कम हो गई है। रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण का पुतला कही 10 फुट तो कही 12 फुट का तैयार हो रहा है। पहले पुतलें 40 से 50 फुट तक बनते थे। आयोजक रम्मी धवन ने कहा कि प्रशासन की गाइडलाइन के अनुसार ही पुतलें का निर्माण कराया जा रहा है।
इन जगह होगा शहर में पुतला दहन
पुराना चिलकाना बस स्टेंड रामलीला भवन, नुमाइश कैंप, जुबली पार्क, टीटू कॉलोनी, गुरुद्वारा रोड, बेरीबाग, रेलवे कॉलोनी, गोविंदनगर समेत अन्य स्थानों पर पुतला दहन होगा।
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