Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़सहारनपुर21st Livestock Census Begins in Saharanpur Counting Stray Cattle and Dogs

21वीं पशुगणना का काम शुरू, आवारा पशुओं की भी होगी गिनती

सहारनपुर में 21वीं पशुगणना का कार्य शुरू हो गया है, जिसमें पशुपालन विभाग घर-घर जाकर ऑनलाइन पशुओं की जानकारी इकट्ठा करेगा। इस बार आवारा गौवंश और कुत्तों की भी गिनती की जाएगी। पिछले आंकड़ों के अनुसार,...

Newswrap हिन्दुस्तान, सहारनपुरFri, 22 Nov 2024 10:59 PM
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सहारनपुर। अच्छी खबर है कि जिले में 21वीं पशुगणना का काम शुरू हो गया है। पशुपालन विभाग के लोग घर-घर जाएंगे और ऑनलाइन पशुओं का ब्यौरा दर्ज करेंगे। खास यह है कि इस बार गाय, भैंस, बकरी, सूकर, कुत्ता, घोड़ा और हाथी आदि पशुओं के साथ आवारा गौवंश की भी गिनती की जाएगी। 20वीं पशुगणना के हिसाब से जिले मे सवा आठ लाख से ज्यादा का पशुधन हैं। इन पांच सालों में जिले में पशुओं की संख्या बढ़ी है या घटी हैं और कितनी, पशुगणना में स्थिति साफ हो जाएगी। पशुपालन महकमे के अनुसार, 21वीं पशुगणना का काम शुरू हो गया है। इसमें विभाग के 250 गणनाकार और ब्लॉकवार सुपरवाइजर आदि मिलाकर करीब 300 कार्मिक लगाए गए हैं। इनकी ट्रेनिंग का काम पहले ही किया जा चुका है। अफसरों के अनुसार, इस बार गौ व महेश वंशीय पशुओं के साथ भेड़ बकरी, सूकर, कुत्ता, घोड़े खच्चर, हाथी आदि के साथ आवारा गौवंश की भी गणना होगी। मौके पर ही पशुओं की डिटेल भारत सरकार के ऐप पर अपलोड की जाएगी। 20वीं गणना के अनुसार जिले में सवा आठ लाख से ज्यादा का पशुधन हैं। इनमें करीब 4.72 लाख महेशवंशीय पशु व 2.66 लाख गौवंशीय पशु हैं। तीन माह में पशु गणना का काम पूरा किया जाना है। इसके साथ ही जिले में पशुओं की संख्या घटने या बढ़ने को लेकर भी स्थिति साफ हो जाएगी।

0-3000 परिवारों पर होगा एक गणनाकार

-डिप्टी सीवीओ डा सुबोध सिंह के अनुसार, ग्रामवार वार्डवार गणनाकारों की तैनाती की गई है। कहा ग्रामीण क्षेत्रों में 3000 की आबादी तथा शहरी क्षेत्रों में 4000 की आबादी पर एक गणनाकर होगा। इसके लिए विभागीय कर्मचारी, पशु मित्र, एआई वर्कर आदि लगेंगे जबकि सुपरवाइजर के लिए पशु अधिकारियों को लगाया जाएगा। सुपरवाइजर की हरी झंडी मिलने पर ही डाटा फाइनल माना जाएगा और ऐप पर अपलोड होगा।

पशु टेंगिंग भी होगी साथ साथ

-डिप्टी सीवीओ डा सुबोध सिंह ने बताया कि पशुगणना के साथ, जिन पशुओं की टैगिंग नहीं हुई है, उनकी टैगिंग (कान में छल्ला डालना) भी की जाएगी। और भारत पशुधन ऐप पर फोटो अपलोड की जाएगी। सिंह ने सभी पशुपालकों से पशुगणना में सहयोग करने और गणनाकारों को सही सही जानकारी उपलब्ध कराने की अपील की है।

2019 में जिले में थे सवा आठ लाख से ज्यादा पशु

2019 में हुई 20वीं पशुगणना के आंकड़े देंखे तो जिले में पशुओं की संख्या 8,26,051 थी। इनमें 2,66,564 गौवंशीय पशु है जबकि 4,71,973 महेशवंशीय पशु यानी भैंसें आदि हैं। यही नहीं, जिले में 15,605 भेड़, 61,682 बकरियां, 10,287 सूकर तथा करीब 8 हजार घोड़े खच्चर आदि हैं। 20वीं पशुगणना के अनुसार, नकुड तहसील में सबसे ज्यादा 68,294 गौवंश और 1,11,648 महेशवंशीय पशुओं के साथ सबसे ज्यादा पशु है जबकि भेड़ बकरी (4,646 भेड़ व 33,484 बकरी) बेहट तहसील में ज्यादा है। यही नहीं, 20वीं पशुगणना के अनुसार जिले सहारनपुर में 8,26,051, शामली में 3,92,195 तथा मुजफ्फरनगर में कुल पशुधन की संख्या 7,79,666 है।

पशु गणना शुरू, आवारा गौवंश और आवारा कुत्तों की भी होगी गणना: सीवीओ

मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी (सीवीओ) डॉ एमपी सिंह गौड़ ने बताया कि हर पांच साल पर पशु गणना कराई जाती है। 21वीं पशुगणना शुरू हो गई है जो 3 माह चलेगी। कहा इस बार गाय भैंस, घोड़ा, कुत्ता, बकरी सूकर आदि के साथ आवारा गौवंश और आवारा कुत्तों की भी गणना की जाएगी।

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