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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Sabarmati Express derailed after hitting a boulder tied on the track NIA team also reached

ट्रैक पर बांधकर रखे बोल्डर से टकराने के बाद पटरी से उतरी थी साबरमती एक्सप्रेस, NIA की टीम भी पहुंची

  • 16 अगस्त की रात झांसी रूट पर गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच पनकी फैक्टरी एरिया के पास हुए साबरमती ट्रेन हादसे की वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) की टीम ने जांच पूरी कर ली है। जांच में सामने आया है कि ट्रेन 95 किमी की गति से ट्रैक पर मौजूद बोल्डर से टकराई थी।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, कानपुर प्रमुख संवाददाताThu, 22 Aug 2024 05:03 PM
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16 अगस्त की रात झांसी रूट पर गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच पनकी फैक्टरी एरिया के पास हुए साबरमती ट्रेन हादसे की वरिष्ठ प्रशासनिक ग्रेड (एसएजी) की टीम ने जांच पूरी कर ली है। जांच में सामने आया है कि ट्रेन 95 किमी की गति से ट्रैक पर मौजूद बोल्डर से टकराई थी। बोल्डर के बंधे होने से वह इंजन में 16 जगह टकराया था, जबकि उसके पीछे के कोच में भी तीन जगह टकरा गया था। एसएजी किसी साजिश की ओर इशारा कर रही है। वहीं, गुरुवार को एनआईए ने भी मामले जांच शुरू कर दी।

एसएजी की पांच सदस्यीय टीम की स्थलीय जांच गुरुवार को पूरी हो गई। प्रमुख मुख्य संरक्षाधिकारी जीवन चंद्र सिंह बोरा की अगुवाई में टीम ने चालक एपी सिंह बुधेला और सहायक चालक चेतराम मीणा, गार्ड सुबोध तिवारी सहित 34 रेल कर्मियों के बयान दर्ज किए। स्पीडो मीटर की सील खोली गई तो पता चला कि हादसे के वक्त ट्रेन 95 किमी. की स्पीड चल रही थी। बोल्डर के टकराने से कैटिल गार्ड तो टूटा ही था, साथ ही ट्रैक्शन मोटर की दो बोल्ट भी टूट गई थी। बोल्डर इंजन में 16 जगह टकराया था। इसके निशान इंजन की पड़ताल में मिले। 

टक्कर इतनी जोरदार थी कि इंजन से टकराने के बाद बोल्डर इंजन से सटे कोच में भी तीन जगह टकरा गया था। बोल्डर के ट्रैक पर उछलने या रगड़ने से ट्रैक की गिट्टियां उछलकर इंजन के निचले हिस्से में जा गिरी थीं। चालक के इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद डिरेल कोच 451 मीटर तक ट्रैक पर चले गए थे। एसएजी टीम सोमवार से मामले की पड़ताल कर रही थी।

जांच में साजिश की हो रही पुष्टि

रेलवे की एसएजी जांच पूछताछ और स्थलीय निरीक्षण के बाद किसी साजिश को बल दे रही है। पूछताछ और स्थलीय सबूतों से यह बात पता चली है कि बोल्डर तो बाहर से लाया गया था। इसे क्लैम्प से फिट भी किया गया था। इस वजह से ही बोल्डर इंजन के साथ कोच तक में टकरा गया था। रेलवे ट्रैक एक किमी. आगे और पीछे कहीं पर भी क्षतिग्रस्त नहीं मिला है। जांच में बोल्डर के रखे जाने की भी पुष्टि हुई है। अब रेलवे ट्रेन के डिरेल होने के कारणों को तो जान चुकी है। अब बोल्डर कहां से कौन लाया इसकी जांच पनकी थाना पुलिस करेगी।

चालक को ट्रैक पर दिखा था बोल्डर

घटनावाले दिन ही ट्रेन चालक ने बयान दिया था कि ट्रैक पर कोई बोल्डर दिखा था और जब तक ब्रेक लगाते, तब तक ट्रेन का इंजन जोरदार तरीके से टकराया और ट्रेन डिरेल हो गई थी। गार्ड सुबोध तिवारी से बात की तो पता चला कि पूरी ट्रेन ही डिरेल हो गई।

एनआईए की टीम भी जांच को पहुंची

केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) दो अफसर गुरुवार को कानपुर पहुंचे। यहां पर एनआईए के निरीक्षकों ने ट्रेन के चालक, सहायक चालक और गार्ड से पूछताछ की। गार्ड ने बताया कि धूल के गुबार देख लैंप से देखा तो ट्रेन टेढ़ी होकर खड़ी हो गई थी। चालक ने ट्रैक पर बोल्डर रखा होने की बात बताई। अब एनआईए टीम शुक्रवार को स्थलीय निरीक्षण और पनकी थाने में जाकर पूछताछ करेगी।

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