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यूपी में ग्रुप हाउसिंग-हॉस्पिटल-गेस्‍ट हाउस बनाने के बदलेंगे नियम, CM योगी के सामने प्रजेंटेशन

  • सीएम योगी के सामने शनिवार को उत्तर प्रदेश भवन विकास उपविधि के प्रस्तावित प्रारूप का प्रस्तुतीकरण हुआ। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इसे और व्यवहारिक बनाया जाए, जिससे कम भूमि पर अधिक निर्माण की अनुमति दी जा सके। एक ही भूमि पर आवासीय और व्यवसायिक निर्माण की अनुमति भी देने पर विचार किया जाए।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, विशेष संवाददाता, लखनऊSun, 12 Jan 2025 07:13 AM
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Group housing in UP: यूपी के शहरों में ग्रुप हाउसिंग, हास्पिटल और गेस्ट हाउस बनाने के नियम बदल सकते हैं। राजय सरकार कम भूमि पर ग्रुप हाउसिंग लाने के साथ ही हास्पिटल, स्कूल और गेस्ट हाउस बनाने की अनुमति देने के साथ ही 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर औद्योगिक क्षेत्रों में गेस्ट हाउस बनाने की अनुमति देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष शनिवार को उत्तर प्रदेश भवन विकास उपविधि के प्रस्तावित प्रारूप का प्रस्तुतीकरण हुआ। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इसे और व्यवहारिक बनाया जाए, जिससे कम भूमि पर अधिक निर्माण की अनुमति दी जा सके। गुजरात व महाराष्ट्र की तर्ज पर एक ही भूमि पर आवासीय व व्यवसायिक निर्माण की अनुमति भी देने पर विचार किया जाए।

देश के सभी राज्यों में मौजूदा जरूरतों के आधार पर भवन विकास उपविधि को तैयार किया गया है। उत्तर प्रदेश में काफी पुराने भवन विकास उपविधि के अनुसार नक्शा पास किया जा रहा है। शहरों में भूमि काफी कम हो रही है। इसके चलते व्यवसायिक और आवासीय निर्माण में बाधा आ रही है। मुख्यमंत्री प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन बनाना चाहते हैं। इसीलिए वह चाहते हैं कि मौजूदा जरूरतों के आधार पर भवन विकास उपविधि को बनाया जाए। उन्होंने प्रस्तुतीकरण के दौरान सुझाव दिया कि अन्य राज्यों की भवन विकास उपविधि का भी अध्ययन कर लिया जाए, यह देख लिया जाए कि कैसे इसे सरल करते हुए बेहतर सुविधाएं दी जा सकती हैं।

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स्कूल, हास्पिटल, ग्रुप हाउसिंग बनाने के लिए भूमि के आकार और सड़कों की चौड़ाई में आने वाली बाधाओं का अध्ययन किया जाए। यह देखा जाए कि कहां कितनी सुविधाएं दी जा सकती हैं और इससे लोगों को परेशानियां न होने पाए। सड़कों पर होने वाली पार्किंग को रोकने के लिए एक तल के साथ दूसरे तल पर भी पार्किंग की अनुमति दी जाए। इसके लिए भवनों को एक से दो मंजिला अधिक बनाने की अनुमति दी जाए। यह देखा जाए कि इसके लिए कितना फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) की अनुमति दी जा सकती है।

मास्टर प्लान के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में उद्योग लगाने की आने वाली बाधाओं को भी देखा जाए। इसमें यह देखा जाए कि क्या 12 मीटर से कम चौड़ी सड़क पर उद्योग लगाने की अनुमति दी जा सकती है। औद्योगिक क्षेत्रों में आने वालों के लिए गेस्ट हाउस या फिर डारमेट्री बनाने के लिए कैसे सुविधाएं दी जा सकती हैं। फायर अनापत्ति के लिए मानक का फिर से अध्ययन कर लिया जाए। इसमें भी जरूरत के आधार पर संशोधन किया जाए। आवास विभाग अब इसका अध्ययन कराते हुए विस्तृत रिपोर्ट तैयार कराते हुए मुख्यमंत्री के समक्ष फिर से प्रस्तुतीकरण कराएगा।

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