यूपी की यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान की परीक्षा में आरएसएस पर सवाल से बवाल, महिला प्रोफेसर पर एक्शन
यूपी की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में राजनीतिक विज्ञान की परीक्षा में आरएसएस पर पूछे गए सवाल से बवाल हो गया है। कॉलेज ने भी अब मान लिया है कि सवाल गलत था। महिला प्रोफेसर ने भी अपनी गलती के लिए माफी मांग ली है। इसके बाद भी उसे आगे पेपर बनाने से डिबार कर दिया गया है।

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में दो दिन पहले हुए एमए राजनीति विज्ञान द्वितीय वर्ष के पेपर के एक सवाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को धार्मिक एवं जातीय पहचान राजनीति से जोड़ने पर हंगामा हो गया। संघ ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए सवाल को गलत बताया। एबीवीपी ने संघ पर पूछे सवाल को आपत्तिजनक करार देते हुए शुक्रवार को कैंपस में प्रदर्शन किया। मामला बढ़ने पर विश्वविद्यालय ने समिति बनाते हुए जांच कराई। जिस पेपर में संघ पर सवाल पूछे गए थे वह मेरठ कॉलेज में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर डॉ.सीमा पंवार ने बनाया था। विश्वविद्यालय स्तर पर किसी ने पेपर चेक नहीं किया। वहीं, प्रो.सीमा पंवार ने विश्वविद्यालय से लिखित में मांफी मांगते हुए कहा कि उनकी मंशा गलत नहीं थी। उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया।
रजिस्ट्रार धीरेंद्र वर्मा के अनुसार प्रो.सीमा पंवार को विश्वविद्यालय ने बतौर परीक्षक आजीवन डिबार कर दिया है। भविष्य में उनसे पेपर से जुड़ा कोई काम नहीं लिया जाएगा। रजिस्ट्रार के अनुसार विश्वविद्यालय ने प्रकरण की सूचना मिलते ही जांच कराई और परीक्षक से स्पष्टीकरण मांगा। प्रोफेसर ने लिखित में गलती स्वीकार कर ली है। भविष्य में ऐसी गलती ना हो, इसका ध्यान रखा जाएगा।
किस बात पर थी आपत्ति
दो अप्रैल को दो से पांच बजे की पाली में मेरठ मंडल के केंद्रों पर यह पेपर हुआ। ‘स्टेट पॉलिटिक्स इन इंडिया’ के कोड ‘जी-471 न्यू’ के पेपर में 87वें प्रश्न में पूछे गए सवाल के विकल्प में कई संगठनों के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी नाम था। प्रश्न संख्या 93 में पिछड़ों की राजनीति का उदय, दलितों की राजनीति का उदय, धार्मिक एवं जातीय पहचान राजनीति का उदय, क्षेत्रीय पहचान राजनीति का उदय के विकल्पों में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नाम था। इसी को लेकर एबीवीपी ने कैंपस में प्रदर्शन किया और इसे आपत्तिजनक, भ्रामक और संघ की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया।
क्या बोलीं प्रोफेसर
वहीं पेपर बनाने वाली प्रोफेसर सीमा पंवार का कहना है कि मैंने जो पेपर बनाया वह सिलेबस के अनुसार है, जो किताबें प्रस्तावित हैं उनमें भी ऐसा ही दर्ज है। एम.लक्ष्मीकांत की पुस्तक में प्रेशर ग्रुप के चैप्टर में रीलिजियस प्रेशर ग्रुप में संघ का जिक्र है। सिलेबस में राजनीति पार्टी और प्रेशर ग्रुप के बारे में पढ़ाया जाता है। क्या नहीं पढ़ाना है, यह कहीं दर्ज नहीं है। जो प्रश्न पूछे गए वह सकारात्मक रूप में हैं। कुछ लोग इनका गलत संदर्भ निकाल रहे हैं। मैंने विश्वविद्यालय को संबंधित किताबें और सिलेबस की कॉपी भेज दी है।