यूपी में रेजीडेंट डॉक्टरों को मैटरनिटी लीव भी, बढ़ी सेवा अवधि का भी मिलेगा स्टाइपेंड
- चिकित्सा शिक्षा में यूजी,पीजी करने वाले छात्रों के लिए सरकार ने दो साल का अनिवार्य सरकारी सेवा बांड लागू कर रखा है। इन डॉक्टरों को जूनियर सीनियर रेजीडेंट के रूप में तैनात किया जाता है। डा. ज्योत्सना विमल ने शासनादेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के दखल पर विभाग ने नया शासनादेश जारी किया है।
Maternity Leave: उत्तर प्रदेश में रेजीडेंट डॉक्टरों के रूप में कार्यरत महिलाओं को अब प्रसूति अवकाश के साथ ही मानदेय मिलेगा। प्रसूति अवकाश के चलते सेवा बांड की अवधि बढ़ने पर बढ़े महीनों का स्टाइपेंड दिया जाएगा। फिलहाल बढ़ी अवधि का मानदेय देने की व्यवस्था नहीं है।
हाईकोर्ट के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रेंजीडेंट के रूप में काम करने वाली महिलाओं के प्रसूति अवकाश के लिए नया शासनादेश जारी किया है। अब रेंजीडेंट महिला डॉक्टरों को सेवा बांड को लेकर विकल्प प्रस्तुत करने होंगे।
चिकित्सा शिक्षा में यूजी,पीजी करने वाले छात्रों के लिए सरकार ने दो साल का अनिवार्य सरकारी सेवा बांड लागू कर रखा है। इन डॉक्टरों को जूनियर सीनियर रेजीडेंट के रूप में तैनात किया जाता है। डा. ज्योत्सना विमल ने शासनादेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट के दखल पर विभाग ने नया शासनादेश जारी किया है। संयुक्त सचिव मनोज सिंह द्वारा जारी आदेश प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, चिकित्सा विश्वविद्यालय, संस्थानों में कार्यरत एसआर, जेआर, डिमांस्ट्रेटर, ट्यूटर, नॉन पीजी जूनियर रेजीडेंट, इनके समकक्ष रेजीडेंटों के प्रसूति अवकाश पर प्रभावी होगा।