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सरकारी बैंकों में भी शुरू हुईं अग्निवीर जैसी भर्तियां, यूपी में निकाली गईं तीन हजार वैकेंसी, जानें सैलेरी

  • यूपी में कई सरकारी बैंकों ने अप्रेंटिसशिप योजना के तहत होने वाली इन अस्थायी भर्तियों के लिए केनरा बैंक ने 3000 रिक्तियों की घोषणा की है, जिसमें यूपी के लिए 325 पद शामिल हैं।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, लखनऊ, विशेष संवाददाताSat, 5 Oct 2024 08:35 PM
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में भी अस्थायी बहाली का सिलसिला शुरू हो गया है। अग्निवीर जैसी इन बहालियों में पांच से लेकर 15 हजार तक मानदेय पर कर्मचारी रखे जाएंगे। इस नई व्यवस्था के तहत सेंट्रल बैक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक, बैंक ऑफ इण्डिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक ने भर्ती शुरू कर दी है। अप्रेंटिसशिप योजना के तहत होने वाली इन अस्थायी भर्तियों के लिए केनरा बैंक ने 3000 रिक्तियों की घोषणा की है, जिसमें यूपी के लिए 325 पद शामिल हैं।

इसी तरह यूनियन बैंक ने 500 और इंडियन ओवरसीज बैंक ने 78 पदों पर आवेदन मांगे हैं, जिसमें यूपी के लिए क्रमश: 61 और आठ पद हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में पहली बार 21 से 25 वर्ष की आयु वाले युवा ट्रेनी कर्मचारी के रूप में बड़ी संख्या में रखे जा रहे हैं। इन सभी की नियुक्ति बैंकों में एक साल चलने वाले अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के तहत होगी। पिछले कुछ सालों में पब्लिक सेक्टर बैंकों के कर्मचारियों की संख्या में खासी कमी आई है। अब अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के तहत होने जा रही भर्तियों से आने वाले यह ट्रेनी कर्मचारी बैंकों की वर्कफोर्स में आई कमी को दूर करेंगे। हालांकि इनकी स्थायी नौकरी की कोई गारंटी नहीं होगी।

सुदूर इलाकों में पहुंचाएंगे बैंकों की सेवाएं

बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इनको कस्टमर रिलेशन का काम सौंपा जाएगा और ज्यादातर ट्रेनी दूरदराज के इलाकों में नियुक्त किए जाएंगे। ये कर्मचारी बैंकों की सेवाओं को ग्राहकों तक पहुंचाने में मदद करेंगे। अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम पूरा होने के बाद इन्हें बैंकों में नौकरी मिलने की कोई गारंटी नहीं होगी। इनमें से ज्यादातर को लोन रिकवरी, बिल कलेक्शन, डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन और लोन प्रोसेसिंग जैसे काम सौंपे जा सकते हैं। वहीं ऑल इंडिया बैंक ऑफीसर्स एसोसिएशन के पूर्व संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी का कहना है कि बैंकिंग उद्योग बहुत ही संवेदनशील संस्था है जिसमें स्थायी कर्मियों की बहाली होनी चाहिए। जो सेवा शर्तों की जिम्मेदारी के साथ कार्य कर सकें। अप्रेंटिसशिप का यह नया प्रयोग नियमित बहाली का विकल्प नहीं हो सकता।

सरकारी बैंकों में घटे कर्मचारी

वित्तीय वर्ष 2014 में सरकारी बैंकों में 842,813 कर्मचारी थे। वित्तीय वर्ष 2024 के अंत में सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की संख्या 764,679 रह गई है। जबकि 2014 में निजी बैंकों में कर्मचारियों की संख्या 303,856 थी जो बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024 में 796,809 हो गई है।

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