आरडीएसओ 4 साल से बना था रिश्वतखोरी का अड्डा, सीबीआई ने 20 दिन रेकी की
आरडीएसओ 4 साल से रिश्वतखोरी का अड्डा बना था। सीबीआई के इंस्पेक्टर कई दिन तक आफिस के अंदर चहलकदमी करते रहे। फिर कई साक्ष्य जुटाने के बाद यह छापा मारा था। सीबीआई ने 20 दिन रेकी की।
सीबीआई ने आरडीएसओ (अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन) में रिश्वतखोरी के ‘खेल’ का खुलासा करने के लिए 20 दिन तक वहां रेकी की। सीबीआई के इंस्पेक्टर कई दिन तक आफिस के अंदर चहलकदमी करते रहे। फिर कई साक्ष्य जुटाने के बाद यह छापा मारा था। सीबीआई गुरुवार को यह पता करती रही कि लेखाधिकारी अब्दुल लतीफ, इसके भाई अब्दुल करीम, नासिर हुसैन के अलावा विभाग के और कौन लोग इस गिरोह में शामिल है। सीबीआई ने आरडीएसओ से कई दस्तावेज कब्जे में लिए हैं। बैंक खातों का ब्योरा भी जुटाया है। इस गिरोह में शामिल निजी फर्मों के संचालक व उनके कर्मचारियों की भूमिका पता करने के लिए एक टीम नोएडा में अभी भी रुकी हुई है।
सीबीआई की लखनऊ एंटी करप्शन ब्रांच ने बुधवार को निजी फर्मों के लाखों-करोड़ों के बिल का भुगतान करने के लिये रिश्वत लेने की शिकायत सही पाए जाने पर आरडीएसओ में छापा मारा था। इसके बाद ही सीबीआई ने नोएडा के दो स्थानों और लखनऊ के कृष्णानगर, मानकनगर, चौपटियां में छापे मारे गए थे।
फाइलों में काफी हेरफेर मिला
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, यहां तैनात कर्मचारी निजी फर्मों एजीजे इंजीनियरिंग, पुरी इलेक्ट्रानिक्स, इंडस्ट्रियल कंप्यूटर्स वर्क्स के मालिक व कर्मचारियों से मिलीभगत कर बिलों का भुगतान कर रहे थे। इन बिलों में कई तरह की अनयमितताएं थी, इसके बाद भी इनका भुगतान मानक से अलग किया जा रहा था। इसके लिये संबंधित लोग बाकायदा रिश्वत लेकर उनकी फाइलें आगे बढ़ाते रहे और भुगतान होता चला गया।
लेखाधिकारी के भाई के खाते को सीज किया गया
सीबीआई ने बताया कि भुगतान करने के लिए निजी फर्म संचालक ने लेखाधिकारी अब्दुल लतीफ के भाई अब्दुल करीम के एचडीएफसी बैंक खाते में एक लाख रुपये जमा किए थे। उसने अब्दुल लतीफ के कहने पर ऐसा किया था। इसी तरह अब्दुल लतीक ने ही 50 हजार रुपये नासिर के खाते में जमा कराए थे। इस तरह से निजी फर्मों के कर्मचारियों ने पांच बैंक खातों का ब्योरा दिया था। अब्दुल के भाई करीम के खाते के साथ इन पांचों खातों को सीबीआई ने सीज करा दिया है।
इनका पूरा ब्योरा खंगाला जा रहा, फरार है आरोपी
आरडीएसओ मानकर नगर के एकाउंटेंट अब्दुल लतीफ, इनके भाई अब्दुल करीम सिद्दकी, अभिनव सिन्हा, इंडस्ट्रिएल कम्प्यूटर वर्क्स के मालिक, जूनियर एकाउंटेंट नासिर हुसैन, नोएडा की पुरी इलेक्ट्रानिक्स लि. के निदेशक अशोक पुरी, एडीजे इंजीनिंयरिंग प्रा. लि. के मालिक मनीष पाण्डेए व दो अज्ञात आरडीएसओ कर्मियों व फर्म के कर्मचारी का ब्योरा खंगाला जा रहा है।