Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़raped 16 year old daughter when she got pregnant he got her aborted father sentenced to life imprisonment

16 साल की बेटी से करता था रेप, प्रेग्‍नेंट हुई तो कराया अर्बाशन; कलयुगी पिता को उम्रकैद की सजा

  • महिला ने 27 अप्रैल, 2023 को तहरीर दी। आरोप लगाया कि उसके पति सुरेश कोल ने उसकी 16 वर्षीया नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के गर्भवती होने पर उसे जानकारी हुई। आरोपी ने उसे और उसकी बेटी को जान से मारने की धमकी दी। इससे डरकर उन्होंने किसी को कोई जानकारी नहीं दी।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, सोनभद्र। हिन्‍दुस्‍तानWed, 27 Nov 2024 02:54 PM
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यूपी के सोनभद्र के शाहगंज क्षेत्र में दो साल पहले नाबालिग बेटी से दुष्कर्म और उसका गर्भपात कराने के दोषी पिता कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) के अपर सत्र न्यायाधीश अमितवीर सिंह ने मंगलवार को फैसला सुनाया। उन्होंने तीन लाख 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया। जुर्माना नहीं देने पर तीन महीने अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जुर्माने में ढाई लाख रुपये पीड़िता को देने का कोर्ट ने आदेश दिया।

शाहगंज क्षेत्र के एक गांव की महिला ने 27 अप्रैल, 2023 को तहरीर दी। आरोप लगाया कि उसके पति सुरेश कोल ने उसकी 16 वर्षीया नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। पीड़िता के गर्भवती होने पर उसे जानकारी हुई। उसने यह भी बताया कि आरोपी ने उसे और उसकी बेटी को जान से मारने की धमकी दी। इससे डरकर उन्होंने किसी को कोई जानकारी नहीं दी। इस बीच, आरोपी ने 18 अप्रैल, 2023 को गर्भनिरोधक दवा खिलाकर पीड़िता का गर्भपात करा दिया। बताया कि 26 अप्रैल, 2023 को उसने दोबारा उसकी बेटी से दुष्कर्म किया। आरोपी उसके मायके में ही रहता है।

तहरीर में महिला ने बताया कि दुष्कर्म के दौरान उसकी बेटी चिल्लाने लगी। इस पर उसके नाना मौके पर पहुंचे। उन्होंने शर्मनाक घटना अपनी आंखों से देखी। पुलिस ने 27 अप्रैल, 2023 को आरोपी सुरेश कोल पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की। डीएनए टेस्ट, मेडिकल रिपोर्ट और गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी सुरेश कोल को मामले में दोषी पाया। कोर्ट ने उसे उम्रकैद और तीन लाख 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि, सत्यप्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह ने बहस की।

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