केमरी में सर्पदंश से दो सगे भाइयों की मौत, परिवार में छाया मातम
Rampur News - रामपुर के केमरी में सर्पदंश से दो सगे भाइयों की मौत हो गई। परिवार ने झाड़फूंक के लिए कई प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली। समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने के कारण दोनों की जान चली गई। दोनों भाइयों में बहुत...
केमरी में सर्पदंश से शिकार दो सगे भाइयों की मंगलवार देर रात मौत हो गई। घटना के बाद पूरे परिवार में मातम छा गया। परिजनों ने दोनों का बुधवार की सुबह गमगीन माहौल में सुपुर्दे खाक कर दिया। केमरी थाना क्षेत्र के मोहल्ला सिंघाडियान निवासी मोहम्मद कामिल वेल्डिंग की दुकान चलाते है। वह अपने परिवार के साथ सोमवार की रात घर मे सो रहे थे। उनके बेटे कैफ उम्र 12 साल और फरहान अली उम्र 14 साल एक ही चारपाई पर एक साथ सो रहे थे। जबकि, परिवार के अन्य लोग बगल में दूसरी चारपाई पर लेटे थे। परिजनों के मुताबिक मंगलवार की सुबह पांच बजे दोनों बेटों अचानक चीखने लगे। परिजन भी उठ गए। परिजनों ने लाइट जलाई तो देखा कि बच्चों की चारपाई पर सांप चढा था और छोटे बेटे कैफ के हाथ से खून निकल रहा था। परिजन कुछ कर पाते इससे पहले चारपाई पर चढ़े सांप ने बड़े बेटे को भी डस लिया। सर्पदंश से दोनों भाई अचेत हो गए। बाद में परिजन उपचार के लिए कई स्थानों पर लेकर गए। लेकिन, मंगलवार देर रात दोनों की मौत हो गई। मंगलवार को सुबह दस बजे पूर्व चेयरमैन मो. हसन और बिलासपुर के चेयरमैन चित्रक मित्तल भी परिजनों से मिलने पहुंचे। जिसके बाद परिजनों ने दोनों को सुपुर्दे खाक कर दिया।
दोनों भाइयों में था बहुत प्यार
रामपुर। केमरी में सर्पदंश से हुई दोनों भाइयों की मौत के बाद परिजनों ने बताया कि दोनों भाइयों में आपस में बहुत प्यार था। दोनों में इतना लगाव था कि वे एक ही चारपाई पर साथ-साथ सोते थे। पढ़ने भी एक साथ ही जाते थे।
जीवित होने की उम्मीद में झाड़फूंक कराने ले गए थे परिजन
रामपुर। सर्पदंश का शिकार होने के बाद परिजनों दोनों भाइयों को अस्पताल के बाद इलाके में झाडफूंक के लिए किसी तांत्रिक के पास गए। वहां से भी परिजनों को निराश होकर घर लौटना पड़ा। लोगों के मुताबिक घर पहुंचने के बाद भी परिजन झाड़फूंक करवाते रहे।
समय पर पहुंचे होते जिला अस्पताल तो बच जाती जिदंगी
रामपुर। सांप के डसने पर अधिकतर लोग झांड़-फूंक के चक्कर में पड़कर जान गंवा दे रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं कि सांप के काटने पर तुरंत अस्पताल आना चाहिए। उपचार के बाद जान बच जाती है। लेकिन,जागरूकता के अभाव में लोग पीड़ित को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराने लगते हैं। मरीज को इसका कोई लाभ नहीं मिलता है उल्टा उसकी जान और चली जाती है। समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण कई लोगों की जान तक जा चुकी है। वहीं, प्रतिदिन दो से तीन लोगों का जिला चिकित्सालय में उपचार कराया गया है। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण इलाके में पेश आती है।
सर्पदंश पर ये होता है
रामपुर। अगर सांप डस ले तो जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचें। हाथ या पैर में डस ले तो बंधन लगा सकते हैं। जिस जगह बाइट किया है, वहां हल्का सा कट लगाकर सिरिंज से निडिल निकालकर उससे खून निकाल सकते हैं। इससे खून के माध्यम से जहर बाहर निकलेगा। घबराहट और भागने-दौड़ने से जहर तेजी से फैलेगा। सांप जिस जगह डसता है, वहां दर्द शुरू हो जाता है। 15-20 मिनट बाद सूजन आ जाती है। एक घंटे बाद पूरे शरीर में सूजन आनी शुरू हो जाती है। सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। दिखाई देना कम हो जाता है। सांप डसने की स्थिति में तीन तरह की एंटी वैनम हीमोटॉक्सिन, न्यूरोटॉक्सिन, साइकोटॉक्सिन दी जाती हैं।
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