शत्रु संपत्ति केस में फिर आजम-अब्दुल्ला का नाम शामिल
रामपुर में शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के मामले में सपा नेता आजम खां और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम फिर से आरोपी बने हैं। विवेचना के बाद कोर्ट ने न्यायिक अभिरक्षा का वारंट जारी किया। दोनों जेल से...
रामपुर। शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के मामले में सपा नेता आजम और पूर्व विधायक अब्दुल्ला का नाम एक बार फिर केस में शामिल हो गया। पुनर्विवेचना कर रहे विवेचक ने सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला को आरोपी बताते हुए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए न्यायिक अभिरक्षा का वारंट जारी किया। साथ ही, बचाव पक्ष के अधिवक्ता की ओर से दाखिल आपत्ति को कोर्ट ने खारिज कर दिया। आजम खां सीतापुर जेल में तो उनके बेटे एवं पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम हरदोई जेल में बंद हैं। पिछले दिनों शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के आरोपों से घिरे सपा नेता आजम खां व अब्दुल्ला आजम को रामपुर पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी, जिस पर यह मामला शासन तक पहुंचा। इसके बाद इस मामले में शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक शुक्ला के खिलाफ जांच बैठा दी थी। साथ ही इस मामले की दोबारा विवेचना करने के आदेश दिए गए थे। एसपी ने इस मामले की विवेचना अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह को सौंपी थी। नवाब सिंह ने मामले की विवेचना करते हुए एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को व्यक्तिगत तौर पर तलब किया था।
सोमवार को इस केस में आजम सीतापुर जेल से और अब्दुल्ला हरदोई जेल से कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए। यहां विवेचक की ओर से प्रार्थना पत्र में कहा गया कि कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं, जिनसे आजम-अब्दुल्ला की केस में संलिप्तता पायी जाती है। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने आपत्ति लगाई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। विवेचक नवाब सिंह ने बताया कि दोनों को आरोपी बनाते हुए कोर्ट ने हमारा प्रार्थना पत्र स्वीकार कर लिया है।
संबंधित केस में सपा नेता आजम खां और अब्दुल्ला आजम की संलिप्तता पायी गई है। जिस पर विवेचक द्वारा कोर्ट को अवगत कराते हुए प्रार्थना पत्र दिया गया था। न्यायालय ने विवेचक का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए न्यायिक अभिरक्षा मंजूर कर ली है। अब आजम और अब्दुल्ला दोनों इस केस में फिर आरोपी हो गए हैं।
-विद्या सागर मिश्र, पुलिस अधीक्षक
जानें क्या है मामला
रिकॉर्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद की ओर से सिविल लाइंस थाने में नौ मई 2020 को लखनऊ के पीरपुर हाउस निवासी सैयद आफाक अहमद व अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 218, 420, 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने का आरोप लगा है। दरअसल, यह मामला मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के अंतर्गत आने वाली भूमि का है जो कि इमामुद्दीन कुरैशी पुत्र बदरुद्दीन कुरैशी के नाम दर्ज थी। इमामुद्दीन कुरैशी 1947-48 में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे और यह संपत्ति शत्रु संपत्ति के रूप में सन् 2006 में भारत सरकार के कस्टोडियन विभाग के अंतर्गत दर्ज कर ली गई थी। रिकॉर्ड की जांच करने पर यह मामला प्रकाश में आया कि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में जालसाजी कर शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के लिए आफाक अहमद का नाम गलत तरीके से राजस्व रिकॉर्ड में अंकित कर दिया गया था तथा रिकॉर्ड के पन्ने फटे हुए पाए गए थे।
तत्कालीन एसपी के खिलाफ चल रही जांच
रामपुर। सपा नेता आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का नाम निकाल देने के मामले का खुलासा होने के बाद शासन ने तत्कालीन एसपी अशोक शुक्ला के खिलाफ जांच बैठा थी। यह जांच अलीगढ़ की मंडलायुक्त चैत्रा वी और आईजी सतर्कता मंजिल सैनी को सौंपी गई है।
आरोपी आफाक का पासपोर्ट निरस्त करने की तैयारी
रामपुर। शत्रु संपत्ति के दस्तावेजों को खुर्द-बुर्द करने के मामले में आरोपी बनाए गए लखनऊ निवासी सैयद आफाक अहमद विदेश भाग चुका है। विवेचक नवाब सिंह ने इस मामले की तफ्तीश करते हुए मुख्य आरोपी आफाक के यहां छापा मारा, लेकिन वह हाथ नहीं आया। बताया गया कि वह विदेश भाग गया। विवेचक ने बताया कि अब इस मामले में पासपोर्ट खारिज कराने के लिए विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई है।
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