तेज रफ्तार और रॉग साइड बन रही हादसों की वजह
Rampur News - भारत में सड़क हादसों की मुख्य वजह तेज रफ्तार और रॉग साइड है। सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 75% हादसे इन्हीं कारणों से होते हैं। अन्य कारणों में असुरक्षित वाहन, ड्राइवर की थकान, खराब मौसम...

सड़क हादसों में ज्यादातर मौतों की वजह तेज रफ्तार और रॉग साइड है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने भी आंकड़ों में देश में 75 फीसदी हादसों की वजह इसको ही बताया है। इसके साथ ही सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त होने वाली छोटी-छोटी गलतियां, बड़े हादसों की वजह बनती हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रात के वक्त गाड़ी चलाते वक्त, नींद आना या थकान होना भी एक वजह बताई गई है। यह है कुछ हादसों के कारण,इनका रखे ध्यान...
-पर्याप्त आराम...विशेषज्ञों के अनुसार सुरक्षित गाड़ी चलाते वक्त ये जरूरी है कि ड्राइवर ने पर्याप्त नींद ली हो और वो तरोताजा महसूस करे। नींद और थकान पर काबू पाने के लिये ड्राइवर का पर्याप्त सोना जरुरी है। नियमित व्यायाम के साथ ही चालक को लंबी यात्रा के दौरान हल्का-फुल्का खाने के साथ, पानी का धीरे-धीरे सेवन भी करते रहना चाहिए।
-असुरक्षित वाहन...सड़कों हादसों की दूसरी बड़ी वजह, वाहन का असुरिक्षत होना है। इसके लिये टायर का दबाव, ब्रेक पैड, तेल और कूलेंट, टायर की दशा आदि का ध्यान रखना जरूरी है।
-अन्य ड्राइवर के व्यवहार को पहचानें..तीसरा कारण सड़क पर यात्रा के दौरान आसपास चल रहे अन्य वाहन चालकों द्वारा की जाने वाली गलतियां हैं। लिहाजा आसपास के ड्राइवर के व्यवहार को पहचानना भी बेहद जरूरी है। इसलिए हमेशा मुड़ने अथवा ब्रेक लगाने से पहले अपने आसपास और पीछे से आ रहे वाहन को जरूर देखना चाहिए। अचानक वाहन को रोकना या मोड़ना भी हादसों की प्रमुख वजहों में से एक है।
-सड़कें व खराब मौसम...चौथा कारण खराब सड़कें और मौसम है। धुंध, कोहरा, तेज बारिश, आंधी वाले मौसम में धीमी गति से गाड़ी चलानी चाहिए। इस दौरान दृश्यता कम होती है और अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी आम मौसम की अपेक्षा कुछ ज्यादा दूर जाकर रुकती है। सड़क या मौसम खराब होने पर अचानक ब्रेक लगाने पर गाड़ी काफी दूर तक फिसल कर आसपास के वाहनों से टकरा सकती है। इसी तरह अंधे मोड़, मतलब जहां सामने या पीछे से आने वाले वाहन साफ न दिखें, वहां बेहद सावधानी बरतनी चाहिये।
-नशे में गाड़ी चलाना...पांचवा कारण नशे में गाड़ी चलाना है। इससे दुर्घटना होने की आशंका दो गुना तक बढ़ जाती है।
-ओवर स्पीड़िंग...दुर्घटना का छठां कारण ओवरस्पीडिंग है। इससे वाहन को रोकने का रेस्पांस टाइम कम हो जाता है। जिसके कारण वाहन अचानक रूक नहीं पाता है और दुर्घटना का कारण बनता है। साथ ही तेज रफ्तार में अचानक से सामने कुछ आ जाए तो कंफ्यूजन की स्थिति बन जाती है।
-सड़क किनारे खड़े वाहन..हादसों में सातवां कारण सड़क किनारे खड़े वाहन भी है। सड़क पर वाहन खड़ा होने पर सामने से आ रहे वाहन से बचने के कारण हादसे हो जाते है। ऐसे में अगर सड़क किनारे वाहन खड़ा है तो ओवरटेक ध्यान से करें।
देशभर के आकड़ों में हादसों का प्रतिशत..
वाहन प्रतिशत
बाइक 45.5
कार 14.1
ट्रक और लॉरी 8.8
तीन पहिया 4.5
चार साल के सड़क हादसों पर एक नजर.....
साल हादसे मृतक घायल
2019 420 225 297
2020 341 245 238
2021 340 200 270
2022 330 195 350
2023 280 212 242
2024 340 216 305
- सड़क हादसों के रोकने के लिए लगातार विभाग की ओर से अभियान चलाया जाता है।जिसमें यातायात के नियामों की जानकारी दी जाती है। तेज रफ्तार और रॉग साइड के कारण हादसा होने की संभावना अधिक होती है।
-राजेश कुमार श्रीवास्तव,एआरटीओ
-यातायात पुलिस की ओर से प्रतिदिन वाहनों की चेकिंग की जाती है। नियमों का पालन न करने और गलत वाहन चलाने पर चालान की कार्रवाई की जाती है। वाहन चलाते समय नियमों का पालन करना चाहिए।
-विजेंद्र कुमार सिंह,यातायात प्रभारी
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