दुनियाभर में जानी जाती है हिन्दुस्तान की सभ्यता: आरिफ मोहम्मद
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि दुनिया की पांच बड़ी सभ्यताएं हैं, जिनमें से भारत की सभ्यता ज्ञान और प्रज्ञा के लिए जानी जाती है। उन्होंने रजा लाइब्रेरी में भारतीय संस्कृति की गहराई पर...
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि अरब इतिहासकारों के अनुसार दुनिया में पांच बड़ी संस्कृति सभ्यताएं हैं। ईरान शानो शौकत, तुर्की बहादुरी, रोम खूबसूरती और चीन दस्तकारी की पहचान है। जबकि, पांचवी सभ्यता जो ज्ञान और प्रज्ञा के संवर्धन के लिए दुनियां में जानी जाती है, वह हिन्दुस्तान की सभ्यता है। राज्यपाल ने रजा लाइब्रेरी के सभागार हॉल में वैश्विक समन्वय एवं भारतीय विमर्श विषय पर व्याख्यान दिया। इससे पहले राज्यपाल ने दीप प्रज्जवलित कर हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ किया। साथ ही प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति ने इतिहास का मानवीकरण और मानव का दिव्यकरण किया है। इससे बड़ी और क्या प्रतिष्ठा होगी। कहा कि हमारे यहां एक कर्मा का सिद्वान्त भी है। कर्मा का सिद्वांत भारतीय संस्कृति में इतना मजबूत है कि उससे न तो भगवान और न अवतार वचते है। हिन्दुस्तान की संस्कृति लंबी चली है और यह दुनिया की प्राचीनतम संस्कृतियों में एक है। कहा कि यह मान लीजिए कि इसकी बुनियाद आध्यात्मिकता पर है।
लाइब्रेरी के निदेशक डॉ. पुष्कर मिश्र ने कहा कि वैश्विक समन्वय एवं भारतीय विमर्श विषय के दो पक्ष हैं। पहला पक्ष वैश्विक स्थिति जो समन्वय का मार्ग है। दूसरा पक्ष भारत की पांच हजार वर्ष पुरानी सभ्यता से है। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सहकारिता जेपीएस राठौर ने कहा कि हमारे देश में बहुत सी सांस्कृतिक धरोहर हैं। रजा लाइब्रेरी की स्थापना के 250 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। नवाब मोहम्मद अली खां ने भी अपने ख्यालात पेश किए। कार्यक्रम में पूर्व सांसद घनश्याम सिंह लोधी, भाजपा के जिला अध्यक्ष हंसराज पप्पू, भारत भूषण गुप्ता, हरीश गंगवार, राधे श्याम वाष्र्णेय, अजहर इनायती, डा. मुमताज अर्शी, डा. जाफ अर्शी, निखत बी, डॉ. महमूद खां, मोहनलाल सैनी, मोहन सिंह लोधी, डॉ. किंश्वर सुल्ताना, डॉ. नफीस सिद्धकी, डॉ. अरूण भी उपस्थित रहे।
जमीन पर कहीं जन्नत तो वह है लाइब्रेरी
रामपुर। केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने लाइब्रेरी की कश्मीर से भी ज्यादा तारीफ की। बोले अगर जमीन पर कहीं जन्नत है तो पुस्तकालय यानी लाइब्रेरी है।
राज्यपाल मीडिया से रूबरू हुए। बोले, जहांगीर ने तो कहा कि अगर जन्नत जमीन पर है तो वह कश्मीर है। लेकिन, उनका मानना है कि जन्नत जमीन पर कहीं है तो पुस्कालय में है लाइब्रेरी में है। रजा लाइब्रेरी देश की बेहतरीन लाइब्रेरी है। इसके लिए मैं मानता हूं की बाकी चीजों को लोग याद रखें न रखें। वक्त गुजरने के साथ यह जो योगदान है रॉयल फैमिली का इसे लोग दुनिया रहते याद रखेंगे। शिक्षा के एक सवाल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकारों को सब कुछ करना चाहिए। लेकिन, समाज की भी जिम्मेदारी है और उससे ज्यादा परिवार की भी जिम्मेदारी है।
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