शाहबाद में 40 साल पहले बनीं 20 दुकानों पर चली जेसीबी
Rampur News - बुधवार को शाहबाद में अवैध कब्जे के खिलाफ कार्रवाई की गई। रामलीला मैदान के सामने बनी बीस दुकानों को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि उन्हें बिना नोटिस के बेदखल किया गया।...

बुधवार को शाहबाद में अवैध कब्जे पर दूसरी सबसे बड़ी कार्रवाई की गई। चालीस साल पहले रामलीला मैदान के सामने नपं की जगह पर अवैध कब्जा कर बनाई गईं कमोवेश बीस दुकानों को जेसीबी ने नेस्तनाबूद कर दिया। इससे पहले दुकानों से बेदखल करने को लेकर नाराज दुकानों की कई दफा अफसरों से नोकझोंक हुई, लेकिन अधिकारियों का सख्त रवैया देख पीछे हट गए। शाहबाद में रामलीला मैदान के सामने सालों पहले मार्केट बनाई गई थीं। इसमें 8 दुकानें फ्रंट और बाकी पीछे की तरफ बनी थीं। ये सभी दुकानें कब्जेदार ने किराए पर उठा रखी हैं। कुछ समय पहले दुकानों को अवैध करार देकर नगर पंचायत की ओर से तहसीलदार कोर्ट में धारा-67 का मुकदमा कायम हुआ था।
जांच करने वाले तत्कालीन लेखपाल राजकुमार शर्मा का कहना था कि दुकानें करीब आठ सौ वर्ग मीटर जगह में बनी हैं। लेकिन यहां सिर्फ दो सौ वर्ग मीटर संपत्ति ही निजी है। बाकी नगर पंचायत के रिकार्ड में गूल और बंजर श्रेणी (सरकारी श्रेणियां) में दर्ज है। तब से दुकानें विवादित श्रेणी में आ गई। बुधवार को तहसीलदार राकेश चंद्रा के नेतृत्व में अचानक नगर पंचायत और राजस्व विभाग की टीम दुकानों पर बेदखली की कार्रवाई के लिए पहुंच गई। दुकानदार आदेश दिखाने के लिए अड़ गए। दुकानदारों ने आरोप लगाया कि न तो उन्हें नोटिस दिया गया और न ही न्यायालय का आदेश दिखाया गया। दुकानें खाली होने के बाद रात में जेसीबी ने ध्वस्तीकरण शुरू कर दिया। कब्जेदार से मिलकर कार्रवाई कर रहा प्रशासन: शाहबाद। दुकानें किराए पर उठी हुई हैं। दरअसल, किराए को लेकर कब्जेदार (मालिक) और किराएदारों में विवाद चला आ रहा है। इसी बीच कुछ माह पहले ये मार्केट ही अवैध घोषित हो गई। आरोप है कि कुछ माह पहले मालिक ने कुछ गुंडे भेजकर दुकानें खाली कराने का प्रयास किया। लेकिन वह नाकाम रहा। आरोप है कि अब मुकदमा हारने के बाद उसने सीधे अधिकारियों से सौदा कर लिया। ताकि उसकी मार्केट कब्जामुक्त हो जाए। इसके बाद वह उच्च न्यायालय में जमीन के लिए पैरवी करेगा। वहां से भी राहत नहीं मिली तो कम से कम उसकी दो सौ वर्ग मीटर जमीन तो कब्जामुक्त हो ही जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने उससे मोटी रकम ली है। तहसीलदार ने अवैध कब्जेदार के साथ मिलकर साजिश की है। बिना नोटिस कार्रवाई की है। मांगने पर न्यायालय का बेदखली का आदेश तक नहीं दिखाया। सामान भी निकालकर सड़क पर फेंक दिया। - अजय गुप्ता, दुकानदार बिना नोटिस दिए एकदम दुकानें खाली करा लीं। हमारी यही रोजी-रोटी का सहारा थी। कहा गया कि दुकान खाली नहीं हुई तो जेसीबी से सारा सामान नेस्तनाबूद करा देंगे। देर हो गई तो कर्मचारियों ने सामान फेंक दिया। - माजिद खां, दुकानदार चालीस साल से किराएदार हैं। अंधा कानून चल रहा है। नियमविरुद्ध सब दुकानें जबरन खाली कराकर गिरा दी हैं। पहले डीएम से मिलेंगे। उसके बाद जरूरत पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। - वेदप्रकाश विद्यार्थी, दुकानदार कार्रवाई सरासर गलत और भ्रष्टाचार से प्रेरित है। दुकानें जबरदस्ती और प्रेशर बनाकर खाली कराई हैं। डीएम का नाम लेकर कार्रवाई की गई है। कहा गया कि आदेश किसी को नहीं दिखाया जाएगा। - बसंत राम, दुकानदार मार्केट का मालिक राजेश गुप्ता नगर पंचायत से मुकदमा हार चुका है। दो दिन पहले ही धारा-67 के तहत आदेश आया था। डीएम के आदेश पर बुधवार को दुकानें खाली कराई गईं। बेदखली की कार्रवाई के तहत दुकानों को ध्वस्त करा दिया गया। - राकेश चंद्रा, तहसीलदार
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