घोड़ों पर मंडराया ग्लैंडरस का खतरा
रामपुर में घोड़ों और गधों में ग्लैंडरस रोग का खतरा बढ़ गया है। पशु चिकित्सालय ने 120 सीरम नमूने एकत्र किए हैं। यह जीवाणु जनित रोग मानवों में भी फैल सकता है। पशुधन विभाग ने रोग की पहचान और रोकथाम के...
रामपुर। घोड़ों और गधों में ग्लैंडरस रोग का खतरा मंडराने लगा है। संभावित अश्व पशुओं के सीरम के नमूने लिए जा रहे हैं। अब तक पशु चिकित्सालय के हिसाब से रोस्टर तैयार कर नमूनों को लक्ष्य निधार्रित कर रोस्टर के हिाब से 120 सीरम के नमूने लिए जा चुके हैं। ग्लैंडरस घोड़ों और गधों में पाए जाने वाला एक जीवाणु जनित सक्रामक रोग है। यह बीमारी पशुओं से मुनष्य में फैल सकती है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। घातक बीमारी को लेकर पशु पालन विभाग सर्तक है। अभियान चलाकर संभावित अश्वपशुओं के सीरम के नमूने एकत्र किए जा रहे हैं।
ग्लैंडरस रोग के लक्षण
फेफड़ों में गांठे बनना
तेज बुखार, स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट
तेज सांस चलना
नाक का पीला श्राव आना
नाक के अंदर छाले और घाव
पैरों, जोड़ो, अंडकोष और सबमैक्सीलरी ग्रंथि में सूजन आना
सीरम के नमूने एकत्र करने का लक्ष्य
पशुचिकित्सालय - सीरम नमूने
शाहबाद- 60
मिलक- 60
पनवड़िया- 60
स्वार- 60
बिलासपुर- 60
सैनदगर- 60
रोग की पहचान, रोकथाम और सर्विलांस के लिए उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी और पशुधन प्रसार अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब तक 120 नमूने एकत्र कर प्रयोगशाला भेजे जा चुके हैं। हालांकि जनपद में किसी भी अश्व पशु में अभी तक रोग के ल्क्षण नहीं मिले हैं।
डा. महेश कुमार कौशिक, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी
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