Disabled Individuals Face Inconvenience and Delays in Certificate Issuance दिव्यांगों की पीड़ा पर नहीं पसीजता दिल..गर्मी में तपते हाल में बैठने को मजबूर दिव्यांग, Rampur Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsRampur NewsDisabled Individuals Face Inconvenience and Delays in Certificate Issuance

दिव्यांगों की पीड़ा पर नहीं पसीजता दिल..गर्मी में तपते हाल में बैठने को मजबूर दिव्यांग

Rampur News - दिव्यांगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिला मुख्यालय पर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्मी में बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है और उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई दिव्यांग तो महीनों से...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामपुरTue, 20 May 2025 04:40 AM
share Share
Follow Us on
दिव्यांगों की पीड़ा पर नहीं पसीजता दिल..गर्मी में तपते हाल में बैठने को मजबूर दिव्यांग

दूर-दराज से दिव्यांग अपना प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिला मुख्यालय पर आते हैं मगर यहां उनको अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ता है। दिव्यांग बोर्ड में गर्मी में बैठने की न उचित व्यवस्था है और न ही पीने का पानी इनको मिल पाता है। प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दिव्यांगों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। कई दिव्यांग तो ऐसे भी पहुंचे जो बीते पांच-छह महीने से अपने दिव्यांग प्रमाण पत्र के लिए चक्कर काट रहे हैं। प्रत्येक सोमवार को सीएमओ दफ्तर के सामने चादरवाला बाग में दिव्यांग बोर्ड बैठता है। यहां पर दूर-दराज से आने वाले लोगों के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए जाते हैं।

यहां पर दिव्यांगों के बैठने के लिए हाल में चबूतरा बना हुआ है मगर गर्मी में इस हाल में एक भी पंखा नहीं लगा है। ऐसे में प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पहुंच रहे दिव्यांगों को अपना नंबर आने तक हाल में गर्मी में बैठना पड़ता है। दिव्यांगों का कहना था कि यहां कभी भी बोर्ड के सदस्य समय पर नहीं बैठते हैं। दिव्यांगों की लाचारी के आगे भी किसी का दिल नहीं पसीजता है और उनको घंटों इंतजार करवाया जाता है। यहां सुबह में 10 बजे तक डाक्टर समेत दिव्यांग बोर्ड के सभी सदस्यों का बैठने का समय निर्धारित है मगर सोमवार को दोपहर में 11 बजे तक यहां पर दिव्यांग बोर्ड के डाक्टर नहीं आए थे। दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने के लिए शाहबाद, बिलासपुर और मिलक क्षेत्र से 15 से 20 लोग आए हुए थे। इनका कहना था कि यहां प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान किया जाता है। रुपये देने पर काम आसान हो जाता है। बोले दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने आए थे। यहां स्टाफ का बताकर रुपये लेकर पहले जांच करा दी जाती है। जबकि अन्य दिव्यांगों को इंतजार कराया जाता है। फोटो: -विशाल डिबडिबा गांव से आया हूं। मेरा और मेरी पत्नी का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनना है। मगर यहां दो माह से चक्कर पर चक्कर लगवाए जा रहे हैं। फोटो: -शनि कुमार। बयान:- दिव्यांग बोर्ड के डाक्टरों की ड्यूटी जिला अस्पताल से लगती है। वहां से डाक्टर क्यों समय पर नहीं आए, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं पता। फोटो: -डा. एसपी सिंह, सीएमओ।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।