मनरेगा पर भारी उधारी, तीन माह से नहीं हुआ श्रमिकों का भुगतान
Rampur News - मनरेगा के तहत 14 दिन के भीतर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित है, लेकिन श्रमिकों को तीन महीने बाद भी भुगतान नहीं मिला है। होली और रमजान के नजदीक आने के कारण 15,000 श्रमिकों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना...

मनरेगा के तहत 14 दिवस में मजदूरी भुगतान की भले ही गारंटी हो, लेकिन श्रमिकों को भुगतान तीन माह बाद भी नहीं मिल पा रहा है। सहालग के साथ ही होली का त्योहार नजदीक आ चुका है और भुगतान न होने के कारण 15 हजार श्रमिकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। जिले में मजदूरी व सामग्री मद में करीब 40 करोड़ रुपये की उधारी है। भुगतान न होने से जिले की ग्राम पंचायतों में मनरेगा से चल रहा काम ठप हो सकता है। मनरेगा में काम कर रहे जाब कार्डधारकों को मनरेगा के तहत कार्य करने के बाद समय से मजदूरी नहीं मिल पा रही है। तीन माह से मजदूरी भुगतान के लिए भटकना पड़ रहा है। सहालग व रमजान के पर्व की वजह से खर्चे बढ़ गए हैं। होली का त्योहार भी आ रहा है। इसके चलते आर्थिक तंगी बढ़ गई है। मनरेगा के प्रत्येक मजदूरी की दर 237 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय है। प्रत्येक परिवार को प्रत्येक वर्ष में 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी गई है। मजदूरी का भुगतान राज्य स्तरीय अकाउंट से पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिए होता है। स्टेट अकाउंट में बजट उपलब्ध होने पर उसे भुगतान के लिए खोला जाता है। 14 दिवस के भीतर भुगतान की व्यवस्था बनाई गई है। मगर इसका पालन नहीं हो रहा है। जाब कार्डधारक रामदास, प्रेमपाल, हरदेव, राधेश्याम, दिनेश कुमार आदि का कहना है कि होली का पर्व करीब है। समय से भुगतान न होने से त्योहार पर दिक्कत आ रही है। कार्य करने के बाद भी अपनी मजदूरी के लिए चक्कर लगा रहे हैं।
--पक्के कार्य की नहीं मिल रही स्वीकृति
जिले में अभी 300 से अधिक ग्राम पंचायतों में मनरेगा के अंतर्गत काम चल रहा है। बजट के चक्कर में यहां काम ठप होता नजर आ रहा है। पक्के कार्य की न तो स्वीकृति मिल रही है और न ही भुगतान हो रहा है। जिले में 50 प्रतिशत से अधिक ग्राम पंचायतों में पहले से काम ठप है।
मनरेगा श्रमिकों का भुगतान बाकी चल रहा है। होली से पहले श्रमिकों के खाते में मजदूरी आने की उम्मीद है। भुगतान में विलंब से काम पर थोड़ा प्रभाव जरूर पड़ा है मगर अभी ग्राम पंचायतों में मनरेगा से काम कराए जा रहे हैं। श्रमिकों की समस्या जल्द दूर होगी।
फोटो: उपायुक्त श्रम एवं रोजगार
-अमित कुमार, उपायुक्त श्रम एवं रोजगार।
न्यूमेरिकल्स:-
1.67 लाख श्रमिक परिवार दर्ज हैं मनरेगा में
80 हजार से अधिक परिवारों ने साल भर में किया काम
07 हजार परिवारों को 100 दिन का मिला रोजगार
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