Congress Raises 8 Key Issues Against UP Government s 8-Year Tenure शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के मुद्दे पर फेल हुई प्रदेश सरकार: कांग्रेस, Rampur Hindi News - Hindustan
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शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के मुद्दे पर फेल हुई प्रदेश सरकार: कांग्रेस

Rampur News - कांग्रेस ने पूर्व विधायक संजय कपूर के निवास पर प्रेसवार्ता की, जहां उन्होंने प्रदेश सरकार के 8 साल पूरे होने पर 8 महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाए। इनमें रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और भ्रष्टाचार शामिल...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामपुरFri, 28 March 2025 04:50 AM
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शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के मुद्दे पर फेल हुई प्रदेश सरकार: कांग्रेस

प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर कांग्रेसियों ने गुरुवार को पूर्व विधायक संजय कपूर के निवास पर प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार के आठ वर्ष पूरे होने पर आठ मुद्दों को लेकर प्रदेश की सरकार का घेराव किया और उनसे रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा के मुद्दे पर सवाल पूछे। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष प्रमिल कुमार शर्मा उर्फ निक्कू पंडित ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के आठ वर्ष पूरे हो गए। मैं सरकार ने आठ सवाल पूछना चाहता हूं। यह सवाल शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, रोजगार आदि तमाम क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने में सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। कोरोना काल से कुंभ काल तक हमने गंगा घाटों पर लाशों का नजारा देखा है। इसकी जिम्मेदारी किस पर डाली गई, किस पर कार्रवाई की गई, सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार समय पर भर्ती नहीं देती। जैसे तैसे भर्ती आए तो उसमें करोड़ों नौजवान बेरोजगारों से परीक्षा फीस वसूलती है और बाद में उस परीक्षा का पर्चा आउट कर दिया जाता है। इस प्रकार सरकार बेरोजगारों का पैसा लूटने में लगी है। शिक्षा को लेकर उन्होंने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी पर सवाल किया। बोले रामपुर में कई स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें एक ही शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में युवाओं, किसानों, मजदूरों और आम जनता को इन सवालों का जवाब चाहिए। उत्तर प्रदेश की जनता अब अपने हक की मांग करेगी और इन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगी। प्रेसवार्ता में शहर अध्यक्ष बाकर अली खां उर्फ हारून खां, एआईसीसी सदस्य मुतिउर रहमान बबलू, पूर्व प्रदेश सचिव सचिन त्रिवेदी, पूर्व विधानसभा प्रत्याशी एकलव्य वाल्मीकि, इंटक जिलाध्यक्ष उमेश दुबे, पीसीसी सदस्य शारिब अली खां एवं आमिर कुरैशी, प्रदेश अल्पसंख्यक महासचिव साहिर अली खां, यूथ कांग्रेस के महासचिव अरसलान अली खां, यूथ जिलाध्यक्ष आरिफ अल्वी, अल्पसंख्यक कांग्रेस के शहर अध्यक्ष वारिस मियां, चितरंजन श्रीवास्तव, मोज्जम अली खां आदि कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे थे।

कांग्रेस के प्रदेश सरकार से आठ सवाल

1-युवाओं के भविष्य पर सवाल-पिछले आठ वर्षों में 69 हजार शिक्षक भर्ती, यूपीसीएससी, यूपीएसएसएससी पैट, रेलवे भर्ती, पुलिस भर्ती में गड़बड़ियां हुईं। एसएससी, यूपी टेट, नीट और अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक की घटनाएं बढ़ी हैं। जिससे लाखों युवाओं का भविष्य अंधेरे में है।

2-किसान और मजदूरों की हालत बदतर-गेहूं और धान के सरकारी खरीद केंद्रों की कमी, किसानों को अपनी फसल को औने पौने दामों में बेचना पड़ रहा है। गन्ना किसानों का आठ हजार करोड़ से अधिक का प्रदेश भर में बकाया है। डीजल और खाद की कीमतों में वृद्धि।

3-भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा फेल-यूपीपीसीएल घोटाला, बिजली कंपनियों में 2300 करोड़ का घोटाला हुआ। गोमती रिवर फ्रंट घोटाला, इसमें 1500 करोड़ से अधिक की अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं। यूपी की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में भ्रष्टाचार हुआ है।

4-बिगड़ती कानून व्यवस्था-एनसीआरबी डेटा 2024 के अनुसार महिला अपराधों में यूपी देश में पहले स्थान पर। रेप के मामलों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी। दलित उत्पीड़न के मामलों में 30 प्रतिशत की वृद्धि, हाथरस, उन्नाव और लखीमपुर खीरी जैसे मामलों में न्याय नहीं।

5-शिक्षा और आरक्षण पर हमला-69 हजार शिक्षक भर्ती जिसमें पिछड़ा वर्ग और दलितों के आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। सरकारी स्कूलों की हालत खराब, प्राथमिक स्कूलों में 40 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली। 10 हजार सरकारी स्कूल बंद। फीस वृद्धि।

6-स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति- एनएचए की रिपोर्ट के अनुसार यूपी की स्वास्थ्य सेवाएं देश के 19 सबसे खराब राज्यों में शामिल। बरेली, मेरठ, गोरखपुर में अस्पतालों में डाक्टरों की भारी कमी। 112 एंबुलेंस सेवा ठप, मरीजों को समय पर उपचार नहीं।

7-आर्थिक बदहाली- नौ लाख करोड़ का कर्ज

प्रदेश पर नौ लाख करोड़ से अधिक का कर्ज है। पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, नगर निगम के बजट में 50 प्रतिशत तक की कटौती। राज्य का 22.5 प्रतिशत बजट केवल कर्ज चुकाने में खर्च हो रहा है। जिससे नई योजनाओं के लिए धन नहीं बचता है।

8-बेरोजगारी-युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार। भर्ती विज्ञापन के बाद पर्चा लीक होने के मामले। बेरोजगारी भत्ता और किसानों की कर्ज माफी केवल कागजों पर, जमीनी स्तर पर ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा है।

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