बिलासपुर में बस स्टेशन निर्माण में बीएसएनएल ने अटकाया रोड़ा, मिला स्टे
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख के ड्रीम प्रोजेक्ट बस स्टेशन के निर्माण पर बीएसएनएल ने रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस पर अस्थाई स्टे जारी किया है। विवादित भूमि पर बीएसएनएल का दावा है कि इसे...
कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख के ड्रीम प्रोजेक्ट रोडवेज निर्माण में बीएसएनएल ने रोड़ा अटका दिया है। हाईकोर्ट ने बस स्टेशन के निर्माण पर अस्थाई रोक लगाते हुए स्टे दे दिया है। नेशनल हाईवे किनारे ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में बन रहे बस स्टेशन के निर्माण पर अदालत के स्थगनादेश की तलवार लटक गई है। बीएसएनएल की रिट याचिका पर सुनवाई कर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस स्टेशन के निर्माण पर अस्थाई रोक लगाते हुए स्टे दे दिया है। प्रतिवादी पक्ष को नोटिस जारी करने, जवाबी हलफनामा दाखिल करने, मामला पीठ के समक्ष सूचीबद्ध होने और अगली तिथि तक यह स्थगनादेश प्रभावी रहेगा। दरअसल, पूरा मामला यह है कि रामपुर रोड पर कुआंखेड़ा ग्राम पंचायत के अंतर्गत मिल्टन एजूकेशन एकेडमी के सामने ग्राम समाज की गाटा संख्या-65 में 0.227 हेक्टेयर भूमि स्थित है। भारत संचार निगम लिमिटेड के अनुसार राजस्व प्रशासन द्वारा इस भूमि को टेलीफोन एक्सचेंज के निर्माण के लिए उसे विधिक रूप से वर्ष-1999 की 19 फरवरी को आवंटित किया गया था। लगभग इक्कीस साल बाद, यानि वर्ष-2020 में इस आवंटन को रद्द कर दिया गया। भूमि को मिलाकर यहां पर बस स्टेशन का निर्माण कराने का प्रस्ताव शासन से पास करा लिया। इस भूमि पर बीएसएनएल का एक टावर लगा हुआ था, वो भी हटवा दिया गया था। इसके बाद से विवादित भूमि पर निर्माण कार्य जारी था। वहीं, प्रशासन के भूमि आवंटन रद्द करने के खिलाफ बीएसएनल ने डिप्टी कलेक्टर से लेकर अपर आयुक्त तक गुहार लगाई, परंतु कहीं से भी राहत न मिलने पर बीएसएनएल हाईकोर्ट पहुंच गया। वहां सैय्यद कमर हसन रिजवी की पीठ ने मामले का संज्ञान लेते हुए उसे विचारार्थ स्वीकार कर लिया और प्रश्नगत संपत्ति की प्रकृति व कब्जे की स्थिति पर अग्रिम निर्णय तक यथास्थिति लागू कर दी। ज्ञात हो कि राज्यमंत्री ने अपनी विधानसभा की जनता से बस अड्डा देने का चुनावी वायदा किया था और लगभग पांच करोड़ की लागत से बनने वाला यह स्टेशन उनका ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है। वहीं, कोर्ट के स्टे के बारे में पूछे जाने पर राज्यमंत्री औलख ने बताया कि उन्हें अभी इसकी जानकारी नहीं है। आदेश मिलने पर उसका अनुपालन किया जाएगा। स्थानीय दूरसंचार विभाग के उप मंडलीय अभियंता संदीप शर्मा ने हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर की पुष्टि करते हुए बताया कि यह पूरा मामला उनके विभागीय विधिक सेल के एसडीओ की देखरेख में चल रहा है।
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