सुर्खियों में रही आजम की जौहर यूनिवर्सिटी
Rampur News - सपा नेता आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी इस साल शत्रु संपत्ति के विवाद में रही। प्रशासन ने 13.842 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति को चिह्नित कर कस्टोडियन को सौंपा। इस पर कब्जा लेने के मामले में आजम खां और अन्य के...
अक्सर विवादों के घेरे में रहने वाली सपा नेता आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी इस साल शत्रु संपत्ति के कब्जे को लेकर सुर्खियों में रही। बार-बार फोर्स के साथ राजस्व टीम विश्वविद्यालय परिसर जाती रही, कभी पैमाइश, कब्जा लेना तो कभी डिजिटल मैपिंग की कार्रवाई करती रही। हमेशा विवादों के घेरे में रही मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कब्जे से करीब पांच माह पूर्व 13.842 हेक्टेयर शत्रु संपत्ति को प्रशासन ने चिह्नित कराकर शत्रु संपत्ति अभिरक्षक के सुपुर्द की थी। जिसकी पिछले दिनों ऑनलाइन लोकेशन कंफर्मेशन के लिए डीजीपीएस सर्वे हुआ था। यह वही जमीन है, जिस पर कब्जा करने के मामले में आजम खां समेत कई पर अजीमनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मुकदमा राजस्व निरीक्षक मनोज कुमार की तहरीर पर दर्ज किया गया था। जिसमें आरोप था कि सींगनखेड़ा गांव में ताहिर हुसैन खां की जमीन है। वह पाकिस्तान में रहते हैं। उनकी जमीन सरकारी अभिलेखों में शत्रु संपत्ति के रूप में दर्ज है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं जौहर यूनिवर्सिटी के चांसलर आजम खां ने इसे अपनी यूनिवर्सिटी में मिला लिया, जो गैर कानूनी है।
प्रशासन ने कस्टोडियन को सौंपी जमीन
हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने जुलाई माह में इस जमीन पर कब्जा ले लिया था, जिसे बाद में कस्टोडियन के सुपुर्द कर दिया था।
नीलाम होगी जमीन
मंडलायुक्त आंजनेय कुमार सिंह के मुताबिक मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय परिसर स्थित शत्रु संपत्ति को पूर्व में ही राजस्व प्रशासन ने चिह्नित कर कस्टोडियन को सौंप दिया है। अब विभाग का उस पर कब्जा है, इसकी जल्द ही नीलामी होगी।
कभी भी गरज सकती है जेसीबी
जौहर विवि परिसर में पूर्व में जब शत्रु संपत्ति की पैमाइश हुई थी, तो इस जमीन पर निर्माण भी पाया गया था, जिसे उस वक्त सील कर दिया गया था। अब इसके ध्वस्तीकरण की तैयारी है। चूंकि, जिले में शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक जिलाधिकारी ही होते हैं, ऐसे में नोटिस आदि की कार्रवाई के लिए विधिक राय ली जा रही है।
जानें क्या है कस्टोडियन
जो लोग युद्ध अथवा विभाजन के समय शत्रु देश चले गए थे, उनकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया था। इसके लिए भारत सरकार के अधीन कस्टोडियन डिपार्टमेंट है। जिसका मुख्यालय मुम्बई में स्थित है। स्थानीय स्तर पर डीएम शत्रु संपत्ति अभिरक्षक होते हैं।
जानें कब क्या हुआ
2019 में शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने का दर्ज हुआ केस।
जून 2024 में हाईकोर्ट ने दिया जमीन के संबंध में आदेश।
25 जुलाई को राजस्व प्रशासन ने लिया शत्रु संपत्ति पर कब्जा।
28 जुलाई तक पैमाइश के बाद पिलर आदि का काम चला।
09 दिसंबर को शत्रु संपत्ति की डिजिटल मैपिंग कराई गई।
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