आर्य समाज के वैदिक महायज्ञ में रही भजनों की धूम
गणेश धर्मशाला में 26वां वेद महोत्सव और 21 कुंडीय वैदिक महायज्ञ आयोजित किया गया। स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती ने यज्ञ की महिमा पर प्रकाश डाला और अच्छे कर्म करने की सीख दी। कार्यक्रम में भजनों के माध्यम से...
गणेश धर्मशाला में 26वां वेद महोत्सव और 21 कुंडीय वैदिक महायज्ञ में भजनों की धूम रही। यज्ञ की महिमा का वर्णन किया। अच्छे कर्म करने की सीख दी। आर्य समाज ज्वालानगर के तत्वावधान में समाज के 150वें स्थापना वर्ष के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय 26वां वेद-महोत्सव और21 कुंडीय वैदिक महायज्ञ का प्रारंभ अलवर (राजस्थान) से पधारे य् स्वामी सच्चिदानंद सरस्वती ने यज्ञ, भजनोपदेश और प्रवचन के रूप किया। स्वामी जी ने यज्ञ प्रारंभ करते हुए यज्ञ पर प्रकाश डाला। यज्ञ की महिमा का वर्णन करते हुए बताया गया कि यज्ञ मनुष्य का प्रथम मुख्य कर्तव्य है। इसलिए यज्ञ को प्रतिदिन पंचयज्ञ के रूप में अवश्य करना चाहिए। कहा किा समाज भ्रम फैला है कि हमें 33 करोड़ देवताओं की पूजा करना चाहिए। जबकि 33 करोड़ न होकर 33 कोटि अर्थात 33 प्रकार के देवता होते हैं। उन सभी की हमें यथा योग पूजा अर्चना करना चाहिए। अर्थात यज्ञ से सभी देवी देवताओं की पूजा और स्तुति की जाती है। सहारनपुर से पधारी बहिन संगीता आर्य द्वारा भजनों के माध्यम से बताया गया कि हम सभी को प्रात: और सायं संध्या वंदन वैदिक मंत्रों के द्वारा करना चाहिए। संध्या से हमारा मन और जीवन शांत रहता है । कहा कि हमारा जीवन बहुत छोटा होता है, इसलिए अच्छे कर्म करते रहना चाहिए । खाता नगरिया से पधारे वीर देव आर्य द्वारा समाज में फैली हुई कुरीतियों को दूर करने की अपील की। कार्यक्रम में ओमवीर सिंह वैदिक प्रधान, रामवीर सिंह आर्य मंत्री भी मौजूद रहे। भारत सिंह आर्य, सत्यवीर सिंह आर्य, गिरेंद्र सिंह आर्य, शोभित आर्य, अमन सिंह आर्य, मोहित आर्य, भजन लाल आर्य, महिला आर्य समाज की प्रधान चंद्रलेखा आर्या, मुन्नी देवी आर्या, मालती देवी आर्या, ललिता देवी आर्या, हीरेश आर्या, प्रेमवती आर्या, राजवीर आर्य, शिवालिका आर्या का साहयोग रहा। शांति पाठ और जय घोष के बाद समापन हुआ।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।