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'विश्‍व में 57 मुस्लिम देश, शेख हसीना ने वहां ना तो शरण मांगी...', बांग्‍लादेश पर राजा भैया ने की ये मांग

राजा भैया ने बांग्‍लादेश हिंसा को लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया में 57 मुस्लिम देश हैं लेकिन शेख हसीना ने ना तो वहां शरण मांगी ओर ना ही किसी देश ने शरण दी। ऐसा क्‍यों?

Ajay Singh लाइव हिन्दुस्तानWed, 7 Aug 2024 10:23 AM
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Raja Bhaiya on Bangladesh Crisis: बांग्‍लादेश संकट और वहां हो रही हिंसा में हिन्‍दुओं के मारे जाने पर गहरा दु:ख जताते हुए जनसत्‍ता दल के प्रमुख और यूपी की कुंडा सीट से विधायक राजा भैया ने सरकार से भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित कराने की मांग की है। राजा भैया ने बांग्‍लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है। उन्‍होंने कहा कि दुनिया में 57 मुस्लिम देश हैं लेकिन शेख हसीना ने ना तो वहां शरण मांगी ओर ना ही किसी देश ने शरण दी। ऐसा क्‍यों?

सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म 'एक्‍स' पर एक पोस्‍ट में राजा भैया ने लिखा, ' #Bangladesh की स्थिति से मन बहुत उद्विग्न है, छात्र आन्दोलन के नाम पर आतंकवाद, आगजनी, हत्या, बलात्कार, लूटपाट क्यूँ? तख़्तापलट तो हो गया अब हिंसा किस लिये? हिन्दुओं की हत्यायें हो रही हैं, मन्दिर जलाये जा रहे हैं।अन्तरिम सरकार और बाँग्लादेशी सेना अविलम्ब प्रभावी क़दम उठाये। भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करे और हाँ, विश्व में 57 मुस्लिम देश हैं शेख़ हसीना ने वहाँ ना तो शरण माँगी ना किसी देश ने शरण दी, ऐसा क्यूँ? सोचियेगा अवश्य…।'

 

बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर हमले

बांग्लादेश से शेख हसीना के देश छोड़कर जाने के बाद भी हिंसा का दौर जारी है। देश के कई हिस्सों में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया। उपद्रवियों ने लगभग 30 मंदिरों में आग लगा दी, मूर्तियां तोड़ दी, हिंदुओं के 300 घरों व दुकानों में तोड़फोड़ की। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को राज्यसभा और लोकसभा में दिए बयान में कहा, पड़ोसी देश में कई स्थानों पर अल्पसंख्यकों और मंदिरों पर हमले चिंताजनक हैं। सरकार वहां की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

बांग्लादेश में पूर्वांचल के व्यापारियों के करोड़ों रुपए अटके

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से पूर्वांचल के व्यापारियों को गहरी चिंता सता रही है। कोलकाता के माध्यम से बनारस समेत आसपास के व्यापारियों का विभिन्न सामान बांग्लादेश जाता है और आयात भी होता है। ऐसे में व्यापारियों के करोड़ों रुपये की पूंजी फंस गई है। जिसका प्रतिकूल असर बुनकरों पर भी पड़ेगा।

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