Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Rahul Gandhi gets a setback from the High Court, refusal to cancel the order of the Sessions Court regarding summons

राहुल गांधी को हाईकोर्ट से झटका, समन को लेकर सत्र न्यायालय का आदेश रद्द करने से इनकार

लखनऊ की सेशल कोर्ट के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंचे राहुल गांधी को झटका लगा है। हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर विचार से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी के पास नीचली अदालत में याचिका का अधिकार है।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानFri, 4 April 2025 10:38 PM
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राहुल गांधी को हाईकोर्ट से झटका, समन को लेकर सत्र न्यायालय का आदेश रद्द करने से इनकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से विपक्ष के नेता राहुल गांधी को झटका लगा है। सावरकर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के मामले में राहुल गांधी को कोई भी राहत देने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। न्यायालय ने कहा है कि उक्त मामले में खुद को तलब किए जाने के विरुद्ध सत्र अदालत के समक्ष पुनरीक्षण याचिका दाखिल करने का विकल्प राहुल गांधी के पास है। लिहाजा इस न्यायालय के हस्तक्षेप की फिलहाल आवश्यकता नहीं है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने पारित किया। याचिका में राहुल गांधी की ओर से निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें सावरकर पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में उन्हें तलब किया गया था। साथ ही राहुल गांधी ने इस मामले में अपने खिलाफ निचली अदालत में चल रही प्रक्रिया को भी चुनौती दी थी। राहुल गांधी के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल की दलील थी कि जो आरोप परिवाद में लगाए गए हैं, उनसे धारा 153ए व 505 आईपीसी का मामला नहीं बनता।

इसके बावजूद निचली अदालत ने इन धाराओं में याची को तलब कर लिया है। यह भी कहा गया कि निचली अदालत ने दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 196 के प्रावधानों को नजरंदाज करते हुए, राहुल गांधी को तलब किया है। हालांकि न्यायालय ने मामले के गुण-दोष पर कोई टिप्पणी किए बगैर कहा कि याची के पास पुनरीक्षण याचिका दाखिल करने का विकल्प है।

ये भी पढ़ें:राहुल गांधी पर कोर्ट ने लगाया 200 रुपए का जुर्माना, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

कोर्ट में याचिका दायर करने वाले नृपेंद्र पांडेय के अनुसार राहुल गांधी ने 17 दिसंबर 2022 को महाराष्ट्र के अकोला में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर पर विवादित बयान दिया था। उन्होंने सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' और 'पेंशन लेने वाला' कहा था। राहुल गांधी का बयान समाज में वैमनस्य और घृणा फैलाने की मंशा से दिया गया था।

आरोप लगाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहले से तैयार पर्चे भी पत्रकारों के बीच वितरित किए गए थे। बयान के बाद राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) और 505 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई थी। अदालत ने उन्हें गत 12 दिसंबर को धारा 153 ए एवं 505 आईपीसी के तहत अदालत में तलब किया था। उस दौरान भी हाजिरी माफी की अर्जी दाखिल की गई थी। इसके बाद की तारीखों पर भी राहुल गांधी पेश नहीं हुए। ऐसे में उन पर 200 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया और पेश होने के लिए चेतावनी देते हुए समन जारी किया गया था।

नृपेंद्र पांडे ने इससे पहले जून 2023 में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अंबरीश कुमार श्रीवास्तव के यहां शिकायत दर्ज कराई लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद पांडे ने सत्र न्यायालय के समक्ष इसे चुनौती दी थी। सत्र न्यायालय ने याचिका स्वीकार कर ली और मामले को फिर से मजिस्ट्रेट अदालत को भेज दिया था। यहां से राहुल गांधी को सम्मन जारी किया गया था।

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