बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग: जूनियर छात्रों के हॉस्टल में घुसे सीनियर, सात को किया किया सस्पेंड
- बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के प्रयास का मामला सामने आया है। सीनियर छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के हॉस्टल में घुस गए, जिसकी तस्दीक सीसीटीवी फुटेज से हुई है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रैगिंग के प्रयास का मामला सामने आया है। सीनियर छात्र एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के हॉस्टल में घुस गए, जिसकी तस्दीक सीसीटीवी फुटेज से हुई है। हालांकि, रैगिंग की पुष्टि नहीं हो सकी लेकिन कॉलेज प्रशासन व एंटी रैगिंग कमेटी ने इसे घोर अनुशासनहीनता मानते हुए सीसीटीवी फुटेज में चिह्नित सात छात्रों को तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है। सभी आरोपी वर्ष 2023 बैच के एमबीबीएस छात्र हैं। वाकया बीते 10 और 11 नवंबर का है। बताया जा रहा है कि एमबीबीएस 2024 बैच के छात्र छठ की छुट्टी के बाद हॉस्टल लौटे थे। इस दौरान कुछ सीनियर छात्र रात 10 बजे एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए आवंटित राजेंद्रा हॉस्टल में घुस गए। सीनियर छात्र वहां करीब आधा घंटा रहे। किसी ने इसकी सूचना एंटी रैगिंग सेल को ईमेल के जरिए दी। इसके बाद कॉलेज में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में हॉस्टल में सीसी कैमरों के फुटेज की जांच की गई है। उसमें पाया गया कि छात्र हॉस्टल कैंपस में घुसे थे।
शिक्षकों से मंजूरी नहीं ली
इस मामले की जांच एंटी रैगिंग कमेटी और कॉलेज प्रशासन ने की है। आरोपी सीनियर छात्रों ने बताया कि वे जूनियर छात्रों की क्रिकेट टीम तैयार करने हॉस्टल पहुंचे थे। हालांकि, हॉस्टल में प्रवेश की मंजूरी सीनियर छात्रों ने शिक्षकों से नहीं ली थी। न ही क्रिकेट मैच के किसी आयोजन की कोई सूचना उन्होंने कॉलेज प्रशासन को दी थी। एंटी रैगिंग कमेटी व कॉलेज प्रशासन ने सीनियर छात्रों के इस प्रयास को रैगिंग की श्रेणी में रखा है। चिह्नित किए गए सात छात्रों को तीन महीने के लिए निलंबित करने का फैसला लिया गया है। इस दौरान न तो हॉस्टल और न ही कॉलेज कैम्पस में रहेंगे। क्लास भी नहीं कर पाएंगे। छात्रों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया, अज्ञात व्यक्ति द्वारा ईमेल के जरिए एक शिकायत मिली थी। जांच में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के लिए आवंटित हॉस्टल में सीनियर छात्रों की एंट्री की पुष्टि हुई। फुटेज में कहीं रैगिंग लेने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। इसके बावजूद सीनियर छात्रों का यह कृत्य घोर अनुशासनहीनता है। सभी आरोपी छात्रों को तीन महीने तक निलंबित रखने का फैसला किया गया है। उसके बाद एक और शपथ पत्र लिया जाएगा। भविष्य में अगर ऐसी घटना दोबारा हुई तो और भी कठोरतम कार्रवाई होगी।