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रिहायशी क्षेत्र में स्कूलों, मंदिरों व चिकित्सालय के आसपास चल रहे मदिरालय

Raebareli News - रायबरेली में लोग रिहायशी क्षेत्रों, स्कूलों और अस्पतालों के पास चल रही शराब की दुकानों को हटाने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन दुकानों के कारण अराजकता फैल रही है और बच्चे प्रभावित...

Newswrap हिन्दुस्तान, रायबरेलीSat, 22 Feb 2025 09:55 PM
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रिहायशी क्षेत्र में स्कूलों, मंदिरों व चिकित्सालय के आसपास चल रहे मदिरालय

बोले रायबरेली/नशे से आफत आबकारी विभाग और पुलिस घिसे-पिटे अंदाज में कच्ची शराब और उससे जुड़े कारोबारियों को पकड़ लहन और शराब बनाने के उपकरण नष्ट कर खानापूर्ति करके सक्रियता दिखा देती है। जबकि हकीकत कुछ और ही है। रिहायशी क्षेत्र, सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों व चिकित्सालय के आसपास संचालित हो रही शराब की दुकानों को हटवाकर कहीं और स्थान्नतरित करने में रुचि नहीं ली जा रही है। कई बार तो प्रदर्शन भी हुए, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया। रिहायशी क्षेत्रों में रहने वाले लोग शराब की दुकानों के आसपास जमावड़ा लगाने वालों से परेशान रहते हैं। लोगों का कहना है कि शराब की दुकानें रिहायशी क्षेत्रों में न हों ताकि लोगों को राहत मिल सके।

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रायबरेली, संवाददाता।

शहर में रिहायशी क्षेत्र में स्कूलों, मंदिरों व चिकित्सालय के आसपास ही मदिरालय चल रहे हैं। नियम होने के बाद भी ज्यादा राजस्व के चक्कर में ऐसे शराब दुकानों को दूर हटाने आबकारी विभाग गंभीर नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी इन वाइन की दुकानों के संचालकों के आगे कोई मायने नहीं रखता। इन्दिरा नगर पावर हाउस के सामने स्थित क्षेत्रीय कार्यालय उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय तो खुद ही प्रदूषण का शिकार हो चुका है। कार्यालय से सटी देशी शराब की दुकान हर समय गुलजार रहती है। यहां हर समय पियक्कड़ों के लिए पूरी सुविधा रहती है।

आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने जब ऐसे मोहल्ले में रहने वाले लोगों से बात की तो उनकी समस्या और दर्द सामने आ गया। शहर की प्रमुख और सबसे व्यस्ततम जेल रोड पर अस्पतालों और पॉलीक्लीनिक का हब होने के बावजूद करीब नौ अग्रेंजी, देशी शराब और बीयर की दुकानें हैं। वहीं एक मॉडल शाप भी है। इन दुकानों के आस-पास कई मोहल्ले भी बसे हुए हैं, जिनमें करीब 50 से 60 हजार की आबादी निवास करती है। इसके विपरीत शहरी क्षेत्र में ज्यादा राजस्व कमाने के चक्कर में आबकारी विभाग अपने ही नियम की अनदेखी करते हुए शराब दुकानें (मदिरालय) चला रहा है। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में तीन से चार दर्जन से अधिक शराब दुकान मंदिरों व चिकित्सालयों के आसपास रिहायशी व सार्वजनिक क्षेत्र में स्थित है। आम लोग इन शराब दुकानों से परेशान हैं। कुछ दुकानों को हटाने की मांग भी की जाती है, लेकिन शराब दुकानें नहीं हटती। जानकारों का कहना है कि शराब ठेकेदार ठेका लेते समय शहर की दुकानों पर ज्यादा रूचि लेते हैं। वजह यहां ज्यादा कमाई होती है। इसके लिए शराब दुकान भीड़भाड़ वाले रिहायशी क्षेत्र में रखा जाता है। भले ही आस-पास धार्मिक स्थान या चिकित्सालय क्यों न हो। क्योंकि दूर शराब दुकान खोलने पर आमदनी कम होती है। इससे आबकारी विभाग के राजस्व को असर पड़ता है। इसलिए विभाग भी शराब दुकानों को कमाई वाले जगह पर चलाना चाहता है। आबकारी नियम के तहत शराब के ठेके जारी करते समय शराब दुकान को धार्मिक स्थान, शैक्षणिक संस्थान, हाइवे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, श्रमिक कालोनी से 50 मीटर दूर रखना है। लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी शराब दुकान हटवाने में रूचि लेने के बजाए इन नियमों का तोड़ निकाल लेते हैं। जिन शिकायत पर शराब दुकान हटाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजना चाहिए उसे ही गलत बता देते हैं। इन्दिरा नगर पावर हाउस के सामने स्थित क्षेत्रीय कार्यालय उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्यालय से सटी देशी शराब की दुकान संचालित की जा रही है। यहां दुकान खुलने और बंद होने की निर्धारित समयावधि के बाद भी दुकान में बनी खिड़की से शराब के शौकीन लोगों और पियक्कड़ों को आसानी से कुछ पैसे अधिक देकर शराब मिल जाती है।

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अतिरिक्त पैसा देकर 24 घंटे लीजिए शराब

रायबरेली। वैसे तो सरकारी देशी और विदेशी मदिरा की दुकानों के खुलने और बंद होने का समय निर्धारित है, लेकिन कई दुकानों के लिए यह लागू नहीं होता। ग्रामीण क्षेत्रों की छोड़िए शहर की कई दुकानें ऐसी हैं, जहां निर्धारित समयावधि के बाद भी आपको 20 से 50 रुपये एक्स्ट्रा खर्च करके आसानी से शराब मिल सकती है। आबकारी और पुलिस विभाग सब कुछ जानते हुए भी इससे अनजान बना हुआ है। शासन की ओर से देशी और विदेशी मदिरा बिक्री की समय अवधि सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक निर्धारित की गई है। इसके बाद शराब की बिक्री करना अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसा करते पाए जाने पर दंड का भी प्रावधान है। इस सबके विपरीत शहर क्षेत्र में ही कई दुकानें ऐसी हैं जहां किसी भी समय आसानी से आपको शराब मिल सकती है। बस इसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ेंगे। सेल्समैन दुकान बंद होने के बाद भी अपनी बिक्री जारी रखता है। वहीं अधिकांश अंग्रेजी शराब की दुकानों में भी कुछ ऐसी ही व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों की दुकानों का तो इससे भी बुरा हाल है। यहां देखने सुनने वाला कोई नहीं है। जिसका पूरा फायदा सेल्समैन को मिलता है। वहीं आबकारी विभाग थोड़ी-बहुत अवैध कच्ची शराब पकड़कर खाना पूरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। सरकारी देशी और विदेशी मदिरा की दुकानों में धड़ल्ले से निर्धारित समय के बाद होने वाली बिक्री विभाग की कमाई का एक प्रमुख जरिया बना रहता है।

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नंबर गेम

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429 हैं देशी और अग्रेंजी शराब की जिले में कुल दुकानें

10 मॉडल शाप हो रहे हैं संचालित जहां मिलती है अग्रेंजी शराब और बीयर

36 से अधिक वाइन और बीयर की दुकानें हैं सार्वजनिक और धार्मिक स्थलों के पास

20 हजार लीटर देशी और 7 हजार विदेशी बोतलों की बिक्री होती है रोजाना

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नंबर गेम

-429 हैं देशी और अग्रेंजी शराब की जिले में कुल दुकानें

10 मॉडल शाप हो रहे हैं संचालित जहां मिलती है अग्रेंजी शराब और बीयर

-36 से अधिक वाइन और बीयर की दुकानें हैं सार्वजनिक और धार्मिक स्थलों के पास

-20 हजार लीटर देशी और 7 हजार विदेशी बोतलों की बिक्री होती है रोजाना

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शिकायत

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-शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायशी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, मंदिरों व चिकित्सालय के आस-पास संचालित हो रही वाइन की दुकानें परेशानी का प्रमुख कारण हैं।

-रिहायशी क्षेत्रों में संचालित हो रही वाइन और बीयर की दुकानों के आस-पास जमावड़ा लगाने वाले पियक्कड़ फैलाते हैं अराजकता और करते हैं लड़ाई-झगड़ा।

-शहरी क्षेत्र में शराब के ठेकेदारों द्वारा दुकानें लेने में ज्यादा रुचि लेने से आस-पास ही स्थित हैं देशी, विदेशी और बीयर की कई दुकानें फैला रही हैं नशे का कारोबार।

-दुकान खुलने और बंद होने की निर्धारित समयावधि के बाद भी दुकान में बनी खिड़की से आसानी से मिलने वाली शराब से पियक्कड़ों की संख्या में हो रहा है तेजी से इजाफा।

-नियमों की अनदेखी कर अधिक राजस्व प्राप्ति के लिए संचालित हो रही वाइन की दुकानों से नाबालिग बच्चों पर पड़ रहा है बुरा असर।

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सुझाव

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-शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में रिहायशी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, मंदिरों व चिकित्सालय के आस-पास संचालित हो रही वाइन की दुकों को अन्यत्र स्थान्तरित किया जाए।

-रिहायशी क्षेत्रों में संचालित हो रही वाइन और बीयर की दुकानों के आस-पास पियक्कड़ों को जमावड़ा लगाने और खुले में शराब पीने वालों की धरपकड़ तेज की जाए।

-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानों का आवंटन मानकों के अनुसार किया जाए, ताकि दुकानें दूर-दूर और रिहायशी इलाकों से दूर हों।

-दुकान खुलने और बंद होने की निर्धारित समयावधि के बाद भी शराब की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए इनकी नियमित निगरानी की जाए।

-स्कूलों के आस-पास संचालित हो रही वाइन की दुकानों को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए, ताकि नाबालिग बच्चों पर इनका बुरा असर न पड़े।

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दूसरी फाइल बोले रायबरेली

दूसरी फाइल बोले रायबरेली

इनकी भी सुनें

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देशी, अग्रेंजी शराब और बीयर पीने से होने वाले सामाजिक, पारिवारिक और आर्थिक नुकसान के बारे में जानकारी देने और जागरूकता फैलाने से नशे के आदी लोगों की संख्या में कमी आएगी।

गोवर्धन

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शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में आबकारी विभाग और पुलिस पूरी तरह से शासन, प्रशासन और कोर्ट के आदेशों का पालन करवाए। इससे शराब के कारोबार पर अवश्य काफी असर पड़ेगा।

विपिन अग्रहरि

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अवैध कच्ची शराब और उससे जुड़े कारोबारियों को पकड़कर कुछ लहन और शराब बनाने के उपकरण नष्ट करने से कुछ नहीं होगा। इसके लिए बड़े और नकली शराब का कारोबार

करने वालों पर कठोर कार्रवाई करनी होगी।

रमेशचंद्र गुप्ता

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रिहायशी क्षेत्र में सार्वजनिक स्थानों स्कूलों, मंदिरों व चिकित्सालय के आस-पास संचालित हो रही वाइन की दुकानों को हटवाकर कहीं और स्थान्तरित किया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग राहत की सांस ले सकें।

गुड्डू सिंह

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रिहायशी क्षेत्रों में रहने वाले लोग वाइन की दुकानों के आस-पास जमावड़ा लगाने वाले पियक्कड़ों से हम लोग काफी परेशान हो चुके हैं। इन पर प्रभावी और कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।

वीरेन्द्र कुमार

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नियम होने के बाद भी ज्यादा राजस्व के चक्कर में आबकारी विभाग ज्यादा से ज्यादा शराब की दुकानों के संचालन की अनुमति दे देता है। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि इन दुकानों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित किया जा सके।

पवन कुमार

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शहर की प्रमुख और सबसे व्यस्ततम जेल रोड पर अस्पतालों और पॉलीक्लीनिक का हब होने के बावजूद करीब नौ अग्रेंजी, देशी शराब और बीयर की दुकानें हैं। वहीं एक मॉडल शाप भी है। इन दुकानों के आस-पास कई मोहल्ले भी बसे हुए हैं।

हिमांशु वैश्य

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दुकान खुलने और बंद होने की निर्धारित समयावधि के बाद दुकान से अधिक पैसे लेकर नियम विरुद्ध शराब की बिक्री करते पाए जाने पर कठोरतम से कठोरतम दंड का प्रावधान होना चाहिए।

रत्नेश गुप्ता

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मुंशीगंज कस्बे में निर्माणाधीन फ्लाईओवर से मुख्य मार्ग बंद कर दिया गया है। वाहनों का आवागमन पुरानी सड़क से कराया जा रहा है। यहां रास्ते में एक ही बिल्डिंग में देशी, अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकाने हैं। इससे अक्सर जाम लग जाता है।

अनुराग अग्रहरि

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स्कूलों के आस-पास वाइन और बीयर की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। इससे कम उम्र के बच्चों पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है और वह अपने करियर को लेकर भ्रमित हो रहे हैं।

अभिषेक वर्मा

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रिहायशी इलाकों में शराब की दुकानें खुलने से कोई भी महिला और बच्चे शाम को अंधेरा होते ही घर से बाहर निकलने में भयभीत रहते हैं। महिलाओं के साथ पियक्कड़ कब छींटाकशी और छेड़खानी कर दें किसी को पता नहीं है।

विकास श्रीवास्तव

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घर के पास शराब की दुकान होने से पियक्कड़ों का जमावड़ा लगा रहता है। रोज धूम्रपान और उल्टी करना इनकी आम दिनचर्य में शामिल हो गया है। इससे हम सभी काफी परेशान हैं।

पन्नालाल अग्निहोत्री

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शराब की दुकान का लाइसेंस जारी करने के दौरान यह स्पष्ट प्रावधान है कि इससे आवासीय क्षेत्र के व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। यदि ऐसा होता पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाए।

अमर बहादुर यादव

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कलेक्ट्री कचहरी रोड पर संचालित अंग्रेजी माध्यम इंटरमीडिएट कालेज के पास देशी शराब की दुकान खोली गई है। इससे स्कूल खुलने और बंद होने के समय शराबियों और अराजकतत्वों का जमावड़ा लगा रहता है।

शिवम कुमार

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शहर के पुलिस लाइन चौराहा के पास देशी, विदेशी शराब और बीयर की दुकानें खुली हुई हैं, जबिक आस-पास राजकीय बालिका इंटरमीडिएट कालेज, नर्सिंग होम और पुलिस लाइन स्थित है। इन्हें तत्काल बंद कराया जाए।

तंुगनाथ साहू

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शराब की दुकानों से अधिकारियों का इतना ज्यादा लगाव है कि उन्हें आमजनमानस की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। कई बार विरोध प्रदर्शन और शिकायत करने के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।

जितेन्द्र कुमार

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नए वित्तीय वर्ष में देशी व विदेशी शराब और बीयर की दुकानों के साथ ही मॉडल शॉप का आवंटन किया जाना है। इसके लिए मानकों को पूरी तरह से अमल में लाया जाएगा। यदि कहीं कोई गलत आवंटन होता है तो उसे रद्द करना है और नए सिरे से किया जाएगा। समय-समय पर अभियान चलाकर अवैध कच्ची शराब और नकली शराब के

कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

रविंद्र प्रताप सिंह, जिला आबकारी अधिकारी

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