आईटीआई में सिर्फ तीन स्थायी कर्मचारी ही बचे
Raebareli News - रायबरेली की इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज (आईटीआई) फैक्ट्री संकट में है। इस वित्त वर्ष में केवल 20 करोड़ का व्यापार हुआ है, जबकि स्थाई कर्मचारियों की संख्या मात्र 3 प्रतिशत रह गई है। सरकार से पर्याप्त...
रायबरेली, वरिष्ठ संवाददाता जिले की लाइफ लाइन मानी जाने वाली इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज (आईटीआई) फैक्ट्री संकट से जूझ रही है। हर साल हजारों करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली आईटीआई रायबरेली इकाई इस वित्त वर्ष में केवल 20 करोड़ रुपए का व्यापार कर पाई है। फैक्ट्री में अब तीन प्रतिशत ही स्थाई कर्मचारी बचे हैं। फैक्ट्री को सरकार से न पर्याप्त आर्डर मिल रहे हैं और न ही रिवाइवल पैकेज। रायबरेली इकाई को वित्तीय सहायता के 300 करोड़ रुपए मिलने का आज भी इंतजार है।
नेता प्रतिपक्ष एवं रायबरेली के सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में आईटीआई को लेकर सवाल पूछे थे। इन सवालों के जवाब केंद्र सरकार की ओर से दिए गए हैं। इन्हीं जवाब में ये जानकारी सामने आई है। एक समय इस फैक्ट्री में 7000 स्थाई कर्मचारी थे। राहुल गांधी के सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि आईटीआई में वर्तमान में 322 कर्मचारी ही कार्यरत है। इसमें 173 स्थाई, 68 संविदा कर्मी और 83 अनौपचारिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। यह भी बताया गया कि कर्मचारियों को समय से वेतन दिलाने के लिए जरूरी उपाय किए जा रहे हैं। अब तक 4456 करोड़ रुपए की विधि सहायता को मंजूरी दी गई है। विभिन्न मदों में 4157 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। इसका आधे से अधिक हिस्सा बकाए और वेतन में खर्च हो गया। सरकार के जवाब से यह बात सामने आई है कि वित्तीय सहायता के करीब 300 करोड़ रुपए अभी भी बाकी हैं।
अपडेट नहीं हो पाई फैक्ट्री
यूपीए शासनकाल में रायबरेली की तत्कालीन सांसद सोनिया गांधी ने 2009-10 में 8000 करोड़ का रिवाइवल पैकेज आईटीआई की रायबरेली इकाई के लिए उपलब्ध कराया था। इस धनराशि का अधिकतर हिस्सा कर्मचारियों के वेतन और बकाया में ही खर्च हो गया था। इसी से फैक्ट्री बाजार के हिसाब से अपडेट नहीं हो पाई।
1973 में स्थापित हुई थी फैक्ट्री
अपने प्रधानमंत्रितत्व काल में इंदिरा गांधी ने 6 अक्तूबर 1973 को सार्वजनिक क्षेत्र की आईटीआई की रायबरेली इकाई स्थापित कराई थी। प्रारंभ में यहां बेसिक फोन के एक्सचेंज के लिए क्रॉस बार यूनिट का उत्पादन होता था। समय बदलने के साथ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सी डॉट का उत्पादन शुरू हुआ। इस समय सी और रेलवे के लिए आईटीआई में ओएफसी केबल का उत्पादन हो रहा है।
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