नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ UPPSC गेट पर धरना जारी, DM-सचिव से वार्ता विफल; मांगों पर अड़े छात्र
- हजारों छात्रों ने सोमवार से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर पहुंचकर बेमियादी धरना शुरू कर दिया है और किसी सूरत में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। सुबह 11 बजे से शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन पूरी रात जारी रहा।
Students Protest: पीसीएस और आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षाएं एक से अधिक दिन और पालियों में कराने के फैसले के खिलाफ प्रतियोगी छात्रों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों, नई दिल्ली समेत आसपास के राज्यों के हजारों छात्रों ने सोमवार से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर पहुंचकर बेमियादी धरना शुरू कर दिया है और किसी सूरत में मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। सुबह 11 बजे से शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन पूरी रात जारी रहा। रात तकरीबन 11 डीएम रविंद्र कुमार और लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार गेट नंबर 2 पर छात्रों से वार्ता करने पहुंचे। सचिव ने फिर दोहराया कि छात्र हित में ही परीक्षा दो दिन कराई जा रही है, पेपर लीक न होने पाए इसलिए सिर्फ राजकीय और एडेड कॉलेजों को ही केंद्र बनाया गया है। छात्रों से अनुरोध किया कि कृपया वापस जाएं और तैयारी करें। डीएम ने भी छात्रों को यही समझाने की कोशिश की कि उनका अहित नहीं होने पाएगा। लेकिन छात्र किसी कीमत पर झुकने को तैयार नहीं है।
डीएम ने कहा कि हम नकल माफिया और पेपर आउट को रोकने के लिए नई व्यवस्था लाएं हैं। इस पर एक छात्र ने जवाब में कहा यूपी पुलिस का पेपर कई शिफ्ट में हुआ था वो कैसे आउट हो गया। यदि शिफ्ट बढ़ाने से पेपर आउट रुकता तो यूपी पुलिस का पेपर नहीं आउट होना चाहिए था। इस पर डीएम मौन हो गए। थोड़ी देर बाद सभी अधिकारी आयोग में वापस चले गए। आयोग से बाहर आने के बाद डीएम ने छात्रों से वापस जाने और परीक्षा की तैयारी करने की अपील की जिस पर छात्र नाराज़ हुए और धरना जारी रखने का निर्णय लिया। बता दें कि आयोग ने दो दिन परीक्षा कराने की सूचना पांच नवंबर को जारी की थी। उसी दिन से प्रतियोगी छात्रों ने 11 नवंबर से घेराव के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चलाना शुरू कर दिया था।
एक्स, फेसबुक और टेलीग्राम आदि सोशल मीडिया मंच के माध्यम से अपील की जा रही थी जिसका नतीजा सोमवार को देखने को मिला। छात्रों के विरोध को देखते हुए प्रशासन ने पहले से तैयारी कर रखी थी। सुबह दस बजे ही आयोग और एनआईपी चौराहे पर बैरीकेडिंग कर दी गई थी। लेकिन 11 बजते-बजते आयोग चौराहे पर इतनी अधिक संख्या में छात्र जुट गए कि पुलिस और पैरामिलिट्री के जवानों को उन्हें रोकना मुश्किल हो गया। छात्र बैरीकेडिंग गिराकर दो नंबर गेट की तरफ बढ़ने लगे तो कुछ पुलिसकर्मियों ने लाठी लेकर दौड़ाया और एक छात्र को लाठी लगी भी। लेकिन बढ़ती भीड़ देख सुरक्षाकर्मी किनारे हो गए और आयोग के चारों तरफ का इलाका पूरी तरह से छात्रों के कब्जे में आ गया। सुबह 11 बजे से हजारों छात्र आयोग के बाहर जमे तो सोमवार रात तक डटे रहे। छात्रों का दावा है कि शाम पांच बजे के आसपास भी पुलिसकर्मियों ने लाठियां लेकर दौड़ाया हालांकि किसी को कोई चोट नहीं लगी। डीसीपी सिटी अभिषेक भारती ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान किसी प्रकार का कोई भी बल प्रयोग नहीं किया गया है। सभी छात्रों से शांतिपूर्वक वार्ता की जा रही है।