‘लाल कार्ड बांट वोटरों पर दबाव बना रहे’, मतदान से ठीक पहले अखिलेश का आरोप; EC से की शिकायत
- नौ सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में कल यानी 20 नवंबर को मतदान होने वाला है। इसके ठीक पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने EC से शिकायत की है। अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों पर उपचुनाव में पक्षपात करने का आरोप लगाया है।
UP By-Election: उत्तर प्रदेश की नौ सीटों के लिए हो रहे उपचुनाव में कल यानी 20 नवंबर को मतदान होने वाला है। इसके ठीक पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से शिकायत की है। अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों पर उपचुनाव में पक्षपात करने का आरोप लगाया है। लाल रंग की एक पर्ची की फोटो शेयर करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी ये लाल कार्ड बांटकर मतदाताओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले का संज्ञान लेकर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा- ‘चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उप्र में शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए ‘नोटिस-चेतावनी’ के लाल कार्ड बाँटकर मतदाताओं पर दबाव बना रहा है। ये एक तरह से संविधान द्वारा दिये गये वोटिंग के अधिकार को छीनने का ग़ैर-क़ानूनी कृत्य है। इसे एक अपराध की तरह दर्ज करके तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा माननीय सर्वोच्च से ये अपील होगी कि वो स्वतः संज्ञान लेते हुए पक्षपाती शासन-प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दे।’
सबसे कठिन उपचुनाव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसके पहले 20 नवंबर को होने वाले उपचुनावों को सबसे कठिन उपचुनाव बताया था। सोमवार को उन्होंने 'एक्स' पर लिखा था- 'प्रिय उत्तर प्रदेश वासियों और मतदाताओं, उत्तर प्रदेश आज़ादी के बाद के सबसे कठिन उपचुनावों का गवाह बनने जा रहा है। ये उपचुनाव नहीं हैं, ये रुख़ चुनाव हैं। जो उप्र के भविष्य का रुख़ तय करेंगे। इन उपचुनावों में, लोकसभा 2024 के चुनावों की तरह भाजपा की नकारात्मक राजनीति को फिर से धूल चटाने और संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण व सामाजिक न्याय के संघर्ष को बचाने के लिए पूरा PDA समाज सभी 9 सीटों पर एकजुट है।' अखिलेश ने आगे लिखा था- 'भाजपाई महँगाई, बेरोज़गारी-बेकारी, भ्रष्टाचार और नफ़रत की राजनीति से मुक्ति के लिए PDA फिर से लामबंद है क्योंकि अब उसके सामने एक स्पष्ट लक्ष्य है और वो है भविष्य में ‘अपनी सरकार बनाना’ मतलब ‘PDA सरकार बनाना’। अब तक PDA ने औरों की सरकार बनाई है, अब PDA भविष्य में अपनी सरकार बनाएगा, जिससे अपने हक़ और अधिकार को पाया जा सके।'