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'मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आती हैं कुछ लड़कियां...' पुजारी के सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने दिया ये जवाब

  • ये बातें संत प्रेमानन्द महाराज ने श्री राधा केली कुंज में गुरुवार को एकांतिक वार्ता के दौरान कहीं। जय भीमा शंकर संस्थान के पुजारी ने सवाल किया था कि मंदिर में कुछ लड़कियां छोटे वस्त्र पहनकर आती हैं, इससे लोगों को दिक्कत होती है। उन्‍हें टोकने पर कहने लगती हैं कि तुम्हें क्या अधिकार है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, वृंदावन। रामकुमार राघवSat, 30 Nov 2024 03:10 PM
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'मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आती हैं कुछ लड़कियां...' पुजारी के सवाल पर प्रेमानंद महाराज ने दिया ये जवाब

Premanand Maharaj: मंदिरों में छोटे वस्त्र पहनकर आने वाली महिलाओं को उपदेश देना घातक साबित हो सकता है। हां, अगर कोई इस विषय पर आपसे पूछ रहा है तो उपदेश दो, अन्यथा आप पर रिपोर्ट हो जाएगी। मनमाना आचरण का समय चल रहा है, शास्त्र आचरण का पालन करना कहीं नहीं रह गया है। इसलिए अपनी दृष्टि ठीक कर लें। यह बातें संत प्रेमानन्द महाराज ने श्री राधा केली कुंज में गुरुवार को एकांतिक वार्ता के दौरान कहीं। जय भीमा शंकर संस्थान के पुजारी ने सवाल किया था कि मंदिर में कुछ लड़कियां महिलाएं छोटे वस्त्र पहनकर आती हैं, इससे लोगों को दिक्कत होती है और जब उन्हें टोका जाता है तो वे कहने लगती हैं कि हमारी मर्जी है, तुम्हें क्या अधिकार है।

इस पर संत प्रेमानंद ने कहा कि अगर आपसे प्रश्न किया जाये कि हम छोटे वस्त्र पहन सकते हैं या नहीं तो उत्तर दिया जा सकता है, क्योंकि वह जानना चाहते हैं। अगर आप ऐसे ही बोलोगे तो बहुत ही गलत हो जायेगा, रिपोर्ट हो जाएगी। आपके लिये उसके मन में विचार आएगा कि ये तो गलत दृष्टि वाला है। इसलिए अपने को बचा लो, यही खास बात है, दूसरे को बचाने/सुधारने जाओगे तो खुद भी घसीटे जाओगे।

संत ने कहा कि मन और इंद्री की गुलामी को स्वतंत्रता माना गया है व शास्त्र और गुरु की आज्ञा को परतंत्रता माना गया है। संत और शास्त्रत्त् के वचनों में श्रद्धा ही नहीं है तो मनमानी आचरण स्वाभाविक है। कहा कि अगर बहन बीमार है तो उसे वस्त्रत्त् पहनाना या शौच क्रिया कराने से काम आ जायेगा क्या? इसलिए हमें अपनी दृष्टि को पावन करना है, समाज की दृष्टि को पावन करने का सामर्थ्य भगवान या गुरु में है, क्योंकि मनमानी आचरण का समय चल रहा है, शास्त्र आचरण का पालन करना कहीं नहीं रह गया है।

ब्वॉय-फ्रेंड-गर्लफ्रेंड शास्त्र में व्यभिचार

संत प्रेमानन्द महाराज ने कहा कि बच्चा-बच्ची बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड बन रहे हैं, एक से अधिक महिला-पुरुषों से संबंध रख रहे हैं, इसे शास्त्रीय भाषा में व्यभिचार कहा गया है। ऐसे लज्जाहीन, बुद्धिहीन, मर्यादाहीन अपने जीवन का सदुपयोग नहीं कर पाएंगे।

नौजवान सुधरें तो सुधर जाएगा भारत

संत प्रेमानन्द महाराज ने कहा कि कलिकाल चल रहा है। ये तो पता नहीं कि कौन सी लहर चल रही है जो संतों के प्रति श्रद्धा है। हम अहसान मान रहे नौजवानों का जो संतों में आस्था रख मनमानी आचरण को त्याग रहे हैं। सुबह निकलने वाली यात्रा में 80 फीसदी नौजवान शामिल होते हैं। बच्चे गलत आचरण और नशा न करें तो हम इनके पैर छू लें। ये भारत के भविष्य हैं। ये सुधर जायेंगे तो भारत सुधर जायेगा।

मंदिरों पर लगाए जा चुके बोर्ड

गौरतलब है कि नगर के कई प्रमुख मंदिर महिलाओं से छोटे और अमर्यादित वस्त्र पहनाकर न आने का आह्वान कर चुके हैं। सप्त देवालयों में शामिल ठाकुर श्री राधादामोदर मंदिर ने इस बाबत मंदिर के मुख्य दरवाजे पर बोर्ड भी लगवा दिया। इसके बाद पागल बाबा मंदिर ने भी मंदिर के बाहर नोटिस लिख दिया, जिसमें महिलाओं से अमर्यादित वस्त्र पहनकर न आने की अपील की गई। इसके अलावा ब्रज के अन्य मंदिरों में भी ऐसी अपील की जा चुकी है।

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