अभिभावकों ने जाना ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे की दिक्कत
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के व्यावहारिक और संज्ञानात्मक विज्ञान केंद्र एवं बाल विकास केंद्र द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन हुआ। दूसरे दिन डॉ. आरएस बग्गा ने ऑटिज्म के मुद्दों पर चर्चा की, जैसे...
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के व्यावहारिक और संज्ञानात्मक विज्ञान केंद्र (सीबीसीएस) एवं इलाहाबाद बाल विकास केंद्र (एसीडीसी) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिनी कार्यशाला का समापन रविवार को हुआ। दूसरे दिन दिल्ली में ऑटिज्म केंद्र ‘थेरेपी फॉर एबिलिटी के ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट डॉ. आरएस बग्गा ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। जैसे कब और कैसे ऑटिज्म पीड़ित बच्चों के साथ थेरेपी शुरू करें तथा जीन-आयरस के सेन्सरी पिरामिड मॉडल को कैसे समझें। उन्होंने मोटर स्किल तथा विजुअल-मोटर एकीकरण पर भी बात की। इस कार्यशाला के माध्यम से सभी ने विभिन्न तकनीक का उपयोग करके निष्क्रिय और सक्रिय चिकित्सा के बारे में सीखा। डॉ. बग्गा ने अभिभावकों के प्रश्नों का उत्तर दिया। अभिभावकों को बताया कि ऑटिज्म से पीड़ित बच्चे को होने वाली दिक्कतों, जैसे नेत्र संपर्क स्थापित करना, संवेदी उत्तेजना तथा मोटर कौशल की दिक्कत, के निवारण के लिए किए जाने वाली चेष्टाओं से अवगत करवाया तथा ऑक्यूपेशनल थेरेपी की महत्ता के बारे में समझाया। इस अवसर पर डॉ. चित्तिज श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।