परिचालक भर्ती: एमए और बीएड की डिग्री वाली महिलाओं ने किया आवेदन
Prayagraj News - प्रयागराज में आयोजित रोजगार मेले में एमए, बीएड, डीएलएड और इलेक्ट्रॉनिक डिप्लोमा जैसी डिग्री रखने वाली सैकड़ों महिलाएं संविदा परिचालक बनने के लिए आवेदन करने आईं। कई महिलाएं बेरोजगार थीं और इस अवसर को...
प्रयागराज। अब उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाएं भी संविदा पर मिलने वाली नौकरी का रुख कर रही हैं। मंगलवार को झूंसी रोडवेज वर्कशॉप में महिलाओं के लिए आयोजित रोजगार मेले में एमए, बीएड, डीएलएड और इलेक्ट्रॉनिक डिप्लोमा जैसी डिग्रियां रखने वाली सैकड़ों महिलाएं संविदा परिचालक बनने के लिए आवेदन करने पहुंचीं।
रोगजार मेले में प्रयागराज समेत जौनपुर, आंबेडकर नगर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़ और लखनऊ से आई युवतियों में से अधिकांश ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रखी है, लेकिन सरकारी नौकरी की सीमित वैकेंसी के कारण वर्षों से बेरोजगार थीं। आवेदन करने वालों में प्रियंका त्रिवेदी ने एमएससी इलेक्ट्रानिक से डिप्लोमा तो अमृता बीएड कर चुकी हैं। अंजली बीएड के बाद शिक्षक भर्ती के इंतजार में बैठी थी। भदोही से पहुंची सावित्री आईटीआई कर चुकी हैं। मंगलवार को आयोजित इस मेले में सुबह से ही युवतियों के अलावा शादीशुदा और पति से अलग हो चुकी महिलाओं ने रोडवेज में बस परिचालक के लिए आवेदन किया।
कुल 60 महिलाओं को संविदा पर परिचालक के लिए नियुक्ति होनी है। मंगलवार को विभिन्न जिलों से पहुंची 217 महिलाओं ने आवेदन किया। इनमें उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन से जुड़ी महिलाओं ने भी आवेदन किया। एनसीसी, एनएसएस और स्काउट गाइड का प्रमाण पत्र होने पर उन्हें पांच प्रतिशत वेटेज मिलेगा। रोडवेज के अधिकारियों ने बताया कि आवेदन करने वाली महिलाओं की डिग्रियों का सत्यापन किया जाएगा। मेरिट के आधार पर इनका चयन किया जाएगा।
आवेदकों की प्रतिक्रिया:
स्नातक के बाद एलएलबी कर रही हूं। पीसीएस जे की तैयारी करना है। लेकिन फिलहाल खुद की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए यह नौकरी करना जरूरी है।
उजमा इद्रीशी
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पति से तलाक हो चुका है। घर खर्च चलाने और जॉब के लिए यह सुनहरा अवसर है। रोडवेज में जॉब मिलने के बाद किसी पर निर्भर नहीं होगा पड़ेगा।
सुजाता पांडेय
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महंगाई बहुत बढ़ गई है। बच्चों की पढ़ाई के लिए जॉब करना अब जरूरी हो गया है। महंगाई और पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के लिए आवेदन किया है।
निखत अंजुम
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मुझे इस जॉब का अनुभव है। पहले भी संविदा परिचालक रह चुकी हूं। इस बार दोबारा आवेदन करने पहुंची, क्योंकि अब उनके बच्चे बड़े हो गए हैं।
सावित्री
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स्नातन के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हूं। रोडवेज में जॉब की जानकारी हुई तो यहां पर आवेदन करने आ गई। महंगाई के इस दौरान जॉब जरूरी है।
शिप्रा यादव
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