महाकुम्भ में आस्था का बोझ: सिर पर गठरी उठाने में महिलाएं आगे
Prayagraj News - प्रयागराज में महाकुम्भ मेले में श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। महिलाएं सिर पर गठरी लेकर पुण्य स्नान के लिए जा रही हैं, जबकि पुरुषों की संख्या कम है। कुछ महिलाएं इस परंपरा में...
प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। महाकुम्भ मेले में आस्था का अनूठा दृश्य देखने को मिल रहा। सिर पर गठरी उठाकर स्नान के लिए जाते श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कहीं अधिक रही। जहां 20 महिलाएं सिर पर गठरी लेकर पैदल चलती दिखीं, वहीं मात्र पांच पुरुष ऐसा करते नजर आए। गठरी में आमतौर पर वस्त्र, पूजा सामग्री, प्रसाद और अन्य आवश्यक सामान रखा होता है। यह वर्षों से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है, जिसमें श्रद्धालु अपने सामान को सिर पर रखकर पुण्य स्नान के लिए आते हैं। लेकिन इस बार महिलाओं की संख्या अधिक होना चर्चा में है।
वाराणसी से आईं 55 वर्षीय गायत्री देवी कहती हैं कि हम बचपन से देखते आ रहे हैं कि घर की महिलाएं ही पूजा का सामान संभालती हैं। यह कोई बोझ नहीं, बल्कि हमारी श्रद्धा है। जब हम खुद भगवान का आवाहन करते हैं, तो उनकी पूजा सामग्री भी हम ही लेकर जाते हैं। मध्य प्रदेश के रीवा से आईं सरस्वती बाई कहती हैं कि पति और बेटे भी हमारे साथ हैं, लेकिन गठरी उठाने का काम हम ही करती हैं। यह हमारी परंपरा है और हमें इसमें कोई परेशानी नहीं होती।
हालांकि, कुछ महिलाएं इस परंपरा को बदलने की भी बात कर रही हैं। झांसी की रहने वाली अर्चना सिंह कहती हैं कि अब समय बदल रहा है। अगर पुरुष भी इस जिम्मेदारी को साझा करें, तो महिलाओं को भी कुछ राहत मिलेगी। आखिर धर्म और आस्था सभी की है, तो सामान उठाने की जिम्मेदारी भी सभी की होनी चाहिए।
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