कोरोना हो गया तो सबसे पहले सोशल मीडिया छोड़ दें
कोरोना महामारी को हराने के लिए शरीर में जितनी अधिक प्रतिरोधक क्षमता की आवश्यकता है, उससे अधिक मानसिक दृढ़ता की भी जरूरत...
प्रयागराज वरिष्ठ संवाददाता
कोरोना महामारी को हराने के लिए शरीर में जितनी अधिक प्रतिरोधक क्षमता की आवश्यकता है, उससे अधिक मानसिक दृढ़ता की भी जरूरत है। मनोचिकित्सकों और संक्रमितों का मानना है कि नकारात्मकता से दूर रहते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई काफी हद तक जीती जा सकती है। इसलिए बदकिस्मती से यदि कोरोना का संक्रमण हो गया है तो सबसे पहला काम अपने स्मार्टफोन से व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया से दूरी बना लें या अनइंस्टाल कर दें।
नैनी के अतुल द्विवेदी को 10 अप्रैल को बुखार आया था। उसके बाद जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई। अतुल कहते हैं-‘खुद को आइसोलेट किया तो मोबाइल पर आंखें टिक गईं। एक-दो दिन में सोशल मीडिया में निधन की खबरें और नकारात्मक बातें पढ़ीं कि दिल बैठने लगा। फिर मैंने फोन से सोशल मीडिया के सारे एप डिलीट कर दिए। करीबी रिश्तेदारों, दोस्तों से बात की। धार्मिक व मन को हौसला देने वाली किताबें पढ़ीं तो सब कुछ बदल गया। दो दिन बाद ही मैं स्वस्थ महसूस करने लगा। अब अतुल को काफी आराम है। राजकीय पीजी कॉलेज सैदाबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. एके वर्मा भी 15 अप्रैल को पंचायत चुनाव के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट की ड्यूटी करने के बाद कोरोना पॉजिटिव हो गए। उन्होंने भी सोशल मीडिया से दूरी बनाने के साथ शुभेच्छुओं से फोन न करने की अपील की है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर फैली नकारात्मकता बीमारी से लड़ाई में आपको कमजोर बना रही है।
इनका कहना है
सोशल मीडिया पर नकारात्मक चीजें अधिक दिखाई पड़ती हैं जो किसी मरीज के ठीक होने में बाधक है। नकारात्मक बातें हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी कम करती है। सकारात्मक रहेंगे तो बीमारी से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी।
डॉ. राकेश पासवान, मनोचिकित्सक कॉल्विन अस्पताल
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