विवि में नामांकन बढ़ाने को नवीन तकनीकों का करें उपयोग: प्रो. वायुनंदन
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय ने 27वें स्थापना दिवस पर 'दूरस्थ शिक्षा में मेरे अनुभव एवं विचार' विषय पर व्याख्यान आयोजित किया। मुख्य वक्ता प्रो. वायुनंदन ने तकनीकी के महत्व पर जोर दिया...
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के 27वें स्थापना दिवस समारोह और सरदार वल्लभ भाई पटेल जयंती के तहत 'दूरस्थ शिक्षा में मेरे अनुभव एवं विचार' विषय पर शुक्रवार को व्याख्यान हुआ। मुख्य वक्ता यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र मुक्त विश्वविद्यालय नासिक के पूर्व कुलपति प्रो. वायुनंदन ने कहा कि हमें विश्वविद्यालय में नामांकन को बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकी से जुड़ना होगा। तकनीकी के प्रयोग से ही हम पारदर्शिता एवं जवाबदेही ला पाएंगे। प्रौद्योगिकी का सबसे महत्वपूर्ण प्रयोग कोविड काल में समझ में आया, जब सभी विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन परीक्षा कराने में हाथ खड़े कर दिए तो केवल मुक्त विश्वविद्यालयों ने ही ऑनलाइन प्रवेश एवं परीक्षा संपादित कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को नवीन प्रौद्योगिकी से जुड़ जाना चाहिए। नवीन तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षाएं आसानी से कराई जा सकती हैं। नासिक में इसके सफल प्रयोग कर चुके हैं। मुक्त विश्वविद्यालय की समस्याओं पर उन्होंने ध्यान केंद्रित करते हुए कहा कि नवीन कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध कराने के साथ यह भी बताना जरूरी है कि इस कोर्स से किसको क्या लाभ हो सकता है। अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा कि मुख्य वक्ता के व्याख्यान का लाभ उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय को अवश्य अवश्य मिलेगा। इस अवसर पर डॉ. त्रिविक्रम तिवारी, डॉ. आनंदानंद त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।
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